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175 मामलों में सिर्फ 20 का निस्तारण

पूर्ण समाधान दिवस में हर बार की तरह इस बार भी फरियादियों की भीड़ उमड़ी। लेकिन समस्याओं के निस्तारण को लेकर अधिकारियों के भी वही तेवर रहे। डीएम ने सुनवाई के दौरान काम न करने पर अधिकारियों को फटकार लगाई। समस्याओं के तत्काल निराकरण के आदेश दिए। संपूर्ण समाधान दिवस अब महज औपचारिकता बनकर रह गए हैं। फरियादी यहां दूर-दराज से उम्मीद लेकर आते हैं लेकिन हर बार उन्हें मायूसी मिलती है। इस बार भी समाधान दिवस में ऐसा ही हुआ

By JagranEdited By: Published: Tue, 21 Jan 2020 11:25 PM (IST)Updated: Wed, 22 Jan 2020 06:04 AM (IST)
175 मामलों में सिर्फ 20 का निस्तारण
175 मामलों में सिर्फ 20 का निस्तारण

संवाद सहयोगी, अतर्रा : संपूर्ण समाधान दिवस में हर बार की तरह इस बार भी फरियादियों की भीड़ उमड़ी, लेकिन समस्याओं के निस्तारण को लेकर अधिकारियों के भी वही तेवर रहे। डीएम ने सुनवाई के दौरान काम न करने पर अधिकारियों को फटकार लगाई। समस्याओं के तत्काल निराकरण के आदेश दिए। इस दौरान आए कुल 175 मामलों में सिर्फ 20 का निस्तारण किया गया।

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संपूर्ण समाधान दिवस अब महज औपचारिकता बनकर रह गए हैं। फरियादी यहां दूर-दराज से उम्मीद लेकर आते हैं, लेकिन हर बार उन्हें मायूसी मिलती है। इस बार भी समाधान दिवस में ऐसा ही हुआ। डीएम हीरा लाल ने 62 फरियादियों की समस्याएं सुनीं। मौके पर पांच मामलों का निस्तारण कराया। अन्य प्रार्थनापत्र संबंधित अधिकारियों को सौंपते हुए तत्काल निस्तारण के निर्देश दिए। शिकायतों में राजस्व विभाग के सर्वाधिक 27 मामले रहे। पुलिस विभाग के 3,विकास विभाग के 14,समाज कल्याण के 2 व अन्य 16 मामले आए। ग्रामीणों ने ओलावृष्टि से नुकसान के मुआवजे की मांग की। सदर तहसील में एसडीएम सुरजीत सिंह व तहसीलदार सदर अवधेश निगम की अध्यक्षता में कुल 34 मामले आए। इनमें 11 का मौके पर निस्तारण कराया गया। नरैनी तहसील के सभागार में हुए समाधान दिवस में एसडीएम वंदिता श्रीवास्तव के समक्ष 73 मामले आए। मौके पर मात्र दो मामलों का निस्तारण किया गया। पैलानी में एसडीएम मंसूर अहमद ने फरियादियों की समस्याएं सुनी। कुल 17 मामले आए, जिनमें एक मामले का मौके पर निस्तारण किया गया। तहसीलदार राजीव निगम, नायब तहसीलदार राजेश यादव, प्रभारी निरीक्षक पैलानी बलजीत सिंह मौजूद रहे।

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फरियादियों की जुबानी

आवास योजना के लिए तीन बार आ चुके हैं। पात्रता सूची में नाम भी आया, लेकिन लेखपाल ने जांच के दौरान नाम काट दिया है। फिर से जांच के लिए अधिकारियों के यहां भटक रही हूं। तंगहाल जीवन जीने को विवश हूं। -सरोज, सुलक थोक अतर्रा

कई बार आवेदन करने के बाद आवास योजना के लिए नाम आया है। लेखपाल ने पात्र होते हुए अपात्र कर दिया है। बीते कई बार से अधिकारियों सहित तहसील दिवस में गुहार लगाई है। समस्या का निस्तारण नहीं हुआ है। -संपत देवी, अतर्रा

गांव के दबंग चक मार्ग व ग्रामसभा की जमीन में अवैध कब्जा किए हुए है। जिसके कारण मार्ग में आवागमन बाधित है। बीते एक वर्ष से शिकायतें की है, लेकिन समस्या का निस्तारण नहीं हुआ है।

-देवराज यादव, फौजदार का पुरवा

गांव में बिजली है, लेकिन मजरे में आश्वासन मिलने के बाद भी आज तक बिजली नहीं पहुंची है। डेढ़ सौ आबादी वाला मजरा विद्युत विहीन है। अंधेरे में जीवन गुजारने को मजबूर है।

-चंद्रभान, विजयपाल का पुरवा अंश थनैल


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