Move to Jagran APP

डर्टी बन गया ड्रीम प्रोजेक्ट

जागरण संवाददाता, बांदा : बसपा शासन काल का ड्रीम प्रोजेक्ट काशीराम कालोनी। आज के समय का डट

By JagranEdited By: Published: Sun, 21 Oct 2018 05:35 PM (IST)Updated: Sun, 21 Oct 2018 05:35 PM (IST)
डर्टी बन गया ड्रीम प्रोजेक्ट
डर्टी बन गया ड्रीम प्रोजेक्ट

जागरण संवाददाता, बांदा : बसपा शासन काल का ड्रीम प्रोजेक्ट काशीराम कालोनी। आज के समय का डर्टी प्रोजेक्ट बन चुका है। शहर के हरदौली और निम्नीपार में बनायी गई इन कालोनियों में पात्र कम अराजक तत्व ज्यादा रह रहे हैं। दोनों कालोनियों में बने करीब 15 सौ आवासों का आज तक पूरी तरह से आवंटन नहीं हो पाया है। कई बार इन कालोनियों की जांच भी कराई गई, लेकिन हल कोई भी नहीं निकला। तमाम आवासों में दलालों का कब्जा है। जिन्हें किराए पर उठाकर पैसा वसूला जा रहा है।

loksabha election banner

बसपा शासन काल के दौरान 2009 में शहरी गरीबों को आवास उपलब्ध कराने के लिए कांशीराम कालोनी का निर्माण कराया गया था। जिसके तहत 15 सौ आवास बनाए गए। इसमें हरदौली कालोनी में जहां 950 आवास वहीं निम्नीपार में 560 आवास हैं। तत्कालीन डूडा अधिकारी और लिपिक पर कालोनियों के आवंटन में जमकर धन उगाही के आरोप लगे थे। डूडा अधिकारी ने दलालों के माध्यम से पैसे की वसूली कर सभी 15 सौ आवासों में ज्यादातर की चाबियां दलालों के जरिए ही लोगों तक पहुंचाई। जबकि तत्कालीन जिलाधिकारी रंजन कुमार ने 3 सौ आवासों के कब्जा पत्र में ही हस्ताक्षर किए। इसके बाद उनका जनपद से स्थानांतरण हो गया था।

जांच में ये निकली स्थिति

नवआगांतुक जिलाधिकारी शीतल वर्मा ने कार्यभार संभाला तो आये दिन कालोनियों के आवंटन का विवाद जोर पकड़ने लगा। शीतल वर्मा ने जांच कराई तो आरोपित डूडा अधिकारी पवन शर्मा और लिपिक प्रेमबाबू को दोषी पाए जाने पर निलंबित कर दिया था। इसके बाद पवन शर्मा को लखनऊ कार्यालय से संबद्ध कर दिया गया था। पर जिलाधिकारी ने आरोपित अधिकारी को निर्देश दिए थे कि जिन 15 सौ लोगों को उन्होंने चाबी सौंपी है उनकी सूची उपलब्ध कराएं। जिस पर उन्होंने एक रजिस्टर प्रस्तुत किया जिसमें 1464 लोगों के नाम दर्ज हैं। इस रजिस्टर को डीएम ने कब्जे में लेकर शहर के सभी 28 वार्डों में टीमें गठित कर सघन जांच कराई। जांच रिपोर्ट में 1066 पात्र, 320 अपात्र, 98 आवासों में ताले बंद व 16 खाली पाए गए थे। डीएम शीतल वर्मा ने पात्रों के आवंटन पर हस्ताक्षर प्रक्रिया शुरू की, 900 आवंटन पत्रों में हस्ताक्षर हो पाए और इसी बीच उनका का भी स्थानांतरण हो गया।

-----------------------

आपराधियों की पनाहगार बनीं कालोनी

बांदा : शहरी गरीबों को आवास उपलब्ध कराने के उद्देश्य बनाई गयी ये कालोनी जरायम का अड्डा बन चुकी हैं। बड़े-बड़े अपराधी यहां पनाह ले रहे हैं। तकरीबन डेढ़ साल पहले नागपुर एटीएस ने काशीराम कालोनी हरदौली से एक आतंकी को गिरफ्तार किया था। पुलिस की छापेमारी में एक बार बंद कमरे के अंदर से शव बरामद होने के साथ अन्य आवासों में अवैध असलहें तक बरामद हुए थे।

-----------------------

900 लोगों को आवंटन पत्र दिए गए हैं। इसके अलावा सारे आवास भरे हैं। जिन लोगों को आवंटन पत्र दिए गए हैं वह भी अपने आवास किराए पर उठाए हैं या बेंच दिए हैं। इन शिकायतों पर जांच की जा रही है।

- संजीव सिन्हा, डूडा अधिकारी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.