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बांदा में जमीन से कब्जा मुक्त कराने में पसीना बहा रहा विभाग

जागरण संवाददाता बांदा प्रदेश के जल शक्ति मंत्री ने सिचाई विभाग की जमीन व संपत्ति को कब्जा मुक्त

By JagranEdited By: Published: Sun, 22 Nov 2020 11:27 PM (IST)Updated: Mon, 23 Nov 2020 12:02 AM (IST)
बांदा में जमीन से कब्जा मुक्त कराने में पसीना बहा रहा विभाग
बांदा में जमीन से कब्जा मुक्त कराने में पसीना बहा रहा विभाग

जागरण संवाददाता, बांदा: प्रदेश के जल शक्ति मंत्री ने सिचाई विभाग की जमीन व संपत्ति को कब्जा मुक्त कराने के लिए दिशा निर्देश जारी किए थे। जिसके अंतर्गत सिचाई विभाग व केन नहर प्रखंड की जमीन एवं नहरों पर सिचाई विभाग ने 68 अवैध कब्जाधारकों को चिह्नित किया था। जो अधिकांश आबादी वालों क्षेत्रों में सिचाई विभाग की जमीन पर अवैध रूप से लोग काबिज हैं। इन व्यक्तियों के द्वारा 5.385 हेक्टेअर सिचाई विभाग की जमीन पर अवैध रूप से कब्जा कर रखा है। वर्तमान समय में सबसे से अधिक आबादी वाले क्षेत्रों में इंदिरानगर, स्वराज कॉलोनी, नवाब टैंक स्थित लड़ाका का पुरवा में सिचाई विभाग की जमीन पर अवैध रूप से लोग काबिज हैं। इस पर बकायदा निर्माण करा रखा है। लेकिन सिचाई विभाग की ओर से अबतक कोई कब्जाधारकों के खिलाफ कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा सका है। वही सिचाई के लिए बनाई गई केन कैनाल नहर भी अवैध कब्जे की गिरफ्त में है, जिसे अभी तक कब्जा मुक्त नहीं कराया जा सका है। इसके अलावा भी कई माइनर व नहरों पर भी तमाम कब्जे हैं।

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आवास विकास कॉलोनी में नहर बनी नाला

केन नहर प्रखंड की शहर के आवास विकास कॉलोनी से होकर गुजरी दशकों पुरानी नहर अब विलुप्त होने की कगार पर पहुंच चुकी है। कही नाले के शक्ल में तो कही वह भी नहीं हैं। नहर पर अवैध रूप से कब्जा कर निर्माण करा रखें है। सिचाई विभाग की ओर से नोटिस दी जा चुकी है, लेकिन इसके बाद भी कब्जाधारियों का कब्जा बरकरार हैं।

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बोले जिम्मेदार

कब्जाधारकों के खिलाफ न्यायालय में 49 व्यक्तियों के खिलाफ मुकदमे चल रहे है। लेकिन कोरोना काल की वजह से मुकदमों कि सुनवाई लंबित चल रही है। जिसके कारण कार्रवाई करने में समय लग रहा है। वही विभाग कि ओर से अबतक 17 कब्जाधारक से जमीन को मुक्त कराई जा सकी है। -अरविद पांडेय, अधिशाषी अभियंता


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