त्योहार पर सजा मिलावट का बाजार, रहिए होशियार
जागरण संवाददाता, बांदा : त्योहार पर मांग के अनुरूप उपलब्धता न होने से मिलावट का बाजार भी गर्म
जागरण संवाददाता, बांदा : त्योहार पर मांग के अनुरूप उपलब्धता न होने से मिलावट का बाजार भी गर्म हो जाता है। ऐसे में जरुरत है होशियार रहने की। आपकी जरा सी लापरवाही आपके व आपके परिवार की सेहत बिगाड़ सकती है। हालाकि इस पर लगाम लगाने के लिए खाद्य सुरक्षा विभाग ने अलग-अलग टीमें गठित की हैं। मगर व्यापारी बिना किसी परवाह के मिलावट का कारोबार करने में लगे हुए है। फिलहाल व्यापारी कानपुर, इटावा और अन्य जनपदों से खोवा, पनीर, छेना और मावा मंगवाकर स्टाक कर रहे हैं।
पिछले साल भी बड़ी मात्रा में मिली थी मिलावट
पिछले साल दीपावली में छापामारी के दौरान खाद्य सुरक्षा विभाग ने 300 क्विंटल खोवा व मावा सहित 20 क्विंटल मिलावटी दूध जब्त कर नष्ट कराया था। 120 नमूने अलग-अलग जगहों से भरे गए थे। इनकी जांच रिपोर्ट चौकाने वाली रही। इनमें 60 नमूने फेल हुए। इनमें ऐसे केमिकल मिश्रित पाए गए जो मानव जीवन के लिए बेहद खतरनाक हैं। खाद्य सुरक्षा विभाग और प्रशासन ने व्यापारियों को सजा के तौर पर जुर्माना भी किया। लेकिन वही व्यापारी फिर इस साल दीपावली में मिलावटी सामग्री बेचने को तैयार हैं।
अधिकारियों पर भी बनाते हैं दबाव
व्यापारियों ने हंगामा किया और अधिकारियों पर दबाव बनाने की कोशिश की। ऐसे में मिलावटखोरी को लेकर जनता को खुद सावधान रहने की जरूरत है। बड़े दुकानदारों के यहां से खाने-पीने की चीजें खरीदते समय चमक और रंग पर न जाएं। मीठे को भली-भांति परखें फिर खरीदें। मिलावट होने पर खाद्य सुरक्षा विभाग को अवगत कराएं।
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299 नमूनों में 142 पर कार्रवाई
खाद्य सुरक्षा प्रशासन के पास अप्रैल से लेकर सितंबर तक 299 सेंपल जांच के लिए विश्लेषण केंद्र भेजे गए हैं। इनमें 110 सेंपुल की रिपोर्ट आ चुकी है। 93 नमूने फेल हुए हैं। इनमें 15 असुरक्षित हैं। 9 में नियमों के उल्लंघन पाए गए हैं। एडीएम कोर्ट से 42 व्यापारियों के खिलाफ मुकदमे दर्ज हुए हैं। 20 लाख रुपये जुर्माना वसूला जा चुका है।
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मिलावट से हो सकते हैं ये रोग
जिला अस्पताल के वरिष्ठ फिजिशियन डा.विनीत सचान बताते हैं कि खाद्य वस्तुओं में रासायनिक रंगों, अल्युमीनियम, यूरिया, सल्फर आदि की मिलावट से गंभीर किस्म के रोग हो सकते हैं। सबसे ज्यादा किडनी को नुकसान पहुंच सकता है। पेट संबंधी कई तरह के रोग हो सकते हैं। रंगों की मिलावट और अखाद्य पदार्थों से बनी मिठाइयां और खाद्य पदार्थ स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक साबित हो सकते हैं। इनसे सावधान रहने की जरूरत है।
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उम्र कैद तक का प्रावधान
खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन के अभिहित अधिकारी अजीत कुमार ने बताया कि जो नमूने सेहत के लिए हानिकारक पाए गए हैं, उनमें एफआइआर दर्ज कर एसीजेएम कोर्ट में मुकदमा चलेगा। इसमें छह माह से लेकर उम्र कैद तक की सजा का प्रावधान है। तीन लाख रुपये तक जुर्माना लगाया जा सकता है।