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फर्जी किसान से सात बार में खरीदा 167 क्विंटल चना

फर्जी किसान से 7 बार में खरीदा 1.67 क्विटल चना

By JagranEdited By: Published: Sat, 11 Jul 2020 11:36 PM (IST)Updated: Sun, 12 Jul 2020 06:08 AM (IST)
फर्जी किसान से सात बार में खरीदा 167 क्विंटल चना
फर्जी किसान से सात बार में खरीदा 167 क्विंटल चना

संवाद सहयोगी, अतर्रा : यूपीपीसीयू को इस वर्ष दो केंद्र खोलकर चना खरीद का जिम्मा दिया गया था। खरीद में शुरू से ही घोटाला हुआ। जांच में नरैनी में खुले दलहन खरीद केंद्र में फर्जी किसानों के नाम हुई खरीद का राजफाश हुआ है। मंडलीय क्रय प्रबंधक ने सहायक आयुक्त व सहायक प्रबंधक सहकारिता को जांच अपनी आख्या सौंपी है। जांच में एक ही किसान से सात बार 167 क्विंटल चना खरीदने सहित कई तथ्य सामने आए हैं।

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शासन ने किसानों को दलहन व तिलहन का सही मूल्य दिलाने के लिए पीसीएफ व यूपीपीसीयू को खरीद की जिम्मेदारी सौंपी थी। यूपीपीसीयू ने नरैनी व जिला मुख्यालय स्थित विशिष्ट मंडी स्थल में केंद्र खोले थे। नरैनी में एजेंसी ने खुद केंद्र खोलने के बजाए अत्रि एग्रीकल्चर एंड एलाइड कॉपरेटिव सोसायटी लिमिटेड झांसी को नामित कर दिया था। संस्था ने नियम विरुद्ध एक आढ़ती की दुकान में बैनर लगा खरीद शुरू कर दी। फर्जी किसानों के नाम सैकड़ों क्विंटल चना खरीदे जाने की शिकायत शासन-प्रशासन तक पहुंची। डीएम के निर्देश पर मई माह में एसडीएम नरैनी ने केंद्र में छापामार कर जांच की थी। प्रथम द्रष्टया गड़बड़ी पाए जाने पर केंद्र को बंद करा दिया गया। सोसायटी प्रबंधक, संचालक व केंद्र प्रभारी सहित चार लोगों के विरुद्ध 22 मई को नरैनी कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया था। केंद्र में 328 किसानों का 652.15 मीट्रिक टन चना खरीदे जाने की जांच के निर्देश दिए थे। यूपीपीसीयू के मंडल के वरिष्ठ सहायक व मंडलीय क्रय प्रबंधक दिनेश तिवारी को जांच सौंपी गई थी। मंडलीय क्रय प्रबंधक ने जांच पूरी कर सहायक आयुक्त को पिछले दिनों जांच रिपोर्ट सौंप दी। जांच के मुताबिक चित्रकूट जनपद के पीलीकोठी निवासी स्वामी दिव्यानंद की 07 हेक्टेयर जमीन ग्राम बुढुली गांव में है। नरैनी केंद्र में उनसे सात बार में 167.50 क्विटल चना खरीदा गया। अभिलेखों में यह दर्शाया गया है। जबकि हल्का लेखपाल की रिपोर्ट में खसरे में रबी फसल में 07 हेक्टेयर भूमि में गेंहू फसल बोया जाना दर्शाया गया है। ऐसे ही तहसील अतर्रा के पिड़खर गांव से अतर्रा केंद्र में तीन बार में 75 कुंतल चना बेचा गया है। जबकि पिडखर के हल्का लेखपाल ने खसरे में 2.683 हेक्टेयर में चना बोये जाने की बात अंकित की है। शासन से निर्धारित मानक के अनुसार एक हेक्टेयर में 11 कुंतल चना की बिक्री की जा सकती है। जिसके अनुसार उक्त जमीन में मात्र 29.513 क्विंटल चना की बिक्री हो सकती है। क्रय प्रबंधक ने भेजी रिपोर्ट में यह भी लिखा है कि दिव्यानंद के नाम उक्त ग्रामों में जमीन न होकर ट्रस्ट के नाम जमीन दर्ज है। केंद्र संचालक ने आढ़तिया के यहां से चना खरीद कर दिव्यानंद के नाम से फर्जी दर्शाया है। यह तो अभी महज बानगी है। जब अभिलेखों में दर्ज सभी किसानों की जांच पड़ताल होगी तो बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आएगा। किसानों के नाम पर किन व्यापारियों ने बिक्री किया है इसका भी खुलासा होगा।

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