समाज व देश की तरक्की में बेटियां भी हैं भागीदार : आयुक्त
जागरण संवाददाता बांदा समाज को अपनी सोच बदलनी होगी उसके बाद ही कन्या भ्रूण हत्या व महिलाअ
जागरण संवाददाता, बांदा : समाज को अपनी सोच बदलनी होगी, उसके बाद ही कन्या भ्रूण हत्या व महिलाओं पर उत्पीड़न बंद हो सकता है। बेटियों के साथ भेदभाव के बजाए लड़का-लड़की को एक समान दर्जा देने की जरूरत है। यह बात लैंगिक भेदभाव संवेदीकरण पर आयोजित कार्यशाला में मंडलायुक्त दिनेश कुमार सिंह ने कही।
मयूर भवन में आयोजित कार्यशाला में उन्होंने कहा कि देश व समाज की तरक्की में बेटियों की भी बराबर की भागीदारी है। उनके अधिकारों की रक्षा करना सभी का नैतिक दायित्व है। राष्ट्रीय बालिका दिवस पर आयोजित कार्यशाला में बांदा, चित्रकूट, हमीरपुर व महोबा जिले की छात्राओं ने लैंगिक भेदभाव व अल्ट्रासोनोग्राफी के फायदे एवं नुकसान विषय पर अपने विचार रखे।
लैंगिक भेदभाव है बड़ी समस्या
प्रथम स्थान पाने वाली राजकीय इंटर कॉलेज की छात्रा सौम्या सिंह ने कहा कि लैंगिक भेदभाव बड़ी समस्या है। लड़कियों को शिक्षा, कानूनी अधिकार और सम्मान जैसे मामले में असमानता का शिकार होना पड़ता है। इसे दूर करने का प्रयास करना चाहिए। दूसरा स्थान पाने वाली महोबा जीजीआइसी की छात्रा यशस्वी ने कहा कि अल्ट्रासोनोग्राफी से जहां बीमारियों या दिक्कतों का पता आसानी से चल जाता हैं, वहीं इसका दुरुपयोग भी बढ़ रहा है। लिग का पता कर गर्भ में ही बच्चियों को खत्म किया जा रहा है। जिससे बालिकाओं की जन्मदर में कमी आ रही है। तीसरे स्थान पर आईं महोबा जीजीआइसी की छात्रा संध्या ने कहा कि भ्रूण हत्या कराने वालों को ऐसी सजा दी जाए जिससे अन्य लोगों के दिलों में कानून का डर पैदा हो सके।
अपर निदेशक स्वास्थ्य डॉ.आरबी गौतम ने छात्राओं को सम्मानित किया। कर्वी से आई छात्रा अंकिता नामदेव, मलिका रानी, चारू तिवारी, हमीरपुर की रजनी, आरती देवी, दरख्शां व महोबा की बुशरा को सांत्वना पुरस्कार दिया गया। संचालन करते हुए मंडलीय परियोजना प्रबंधक आलोक कुमार ने वर्ष 2001 व 2011 तथा एनएफएचएस-4 के आंकड़े पेश किए। यह रहे मौजूद
सीएमओ डॉ . एनडी शर्मा, एसीएमओ डॉ.आरएन प्रसाद, हमीरपुर के डॉ. पीके सिंह, चित्रकूट के डॉ. आरके चैरिहा, मंडलीय फेमिली प्लानिग एवं लाजिस्टिक मैनेजर अमृता राज, डीएचईआइओ महोबा शिवकुमार, निजी चिकित्सक डॉ.प्रज्ञा प्रकाश सहित छात्राएं व लेकर आईं शिक्षिकाएं मौजूद रहीं।