तहबाजारी के नाम पर चालकों से उगाही
जागरण संवाददाता, बांदा : शासन की तहबाजारी अब अवैध वसूली का रूप ले रही है। मानकों को दर
जागरण संवाददाता, बांदा : शासन की तहबाजारी अब अवैध वसूली का रूप ले रही है। मानकों को दर किनार कर ट्रक चालकों से मनमर्जी के हिसाब से पैसा वसूला जा रहा है। और विरोध करने पर ठेकेदार व उसके गुर्गे हाथपाई करने तक उतर आते है। ऐसे में ट्रक चालकों को मजबूरन उनकी मर्जी का पैसा देना होता है।
जिला पंचायत की ओर से इस वर्ष तहबाजारी का ठेका एक करोड़ 20 लाख रुपये में दिया गया। नियमों के मुताबिक बड़े वाहनों से दौ सौ रुपये व छोटों से सौ रुपये लेने का प्राविधान है। मगर संबंधित ठेकेदार शासनादेश की खुलेआम धज्जियां उड़ा रहे है। जागरण टीम ने तहबाजारी वसूली की पड़ताल की तो हकीकत सामने आई। दुरेड़ी बालू घाट में एकलव्य महाविद्यालय के पास ठेकेदार ने दो जगह बैरियर लगवा रखे हैं। इसमें दो-दो कर्मचारियों को वसूली के लिए बैठाया है। एक घंटे में करीब 33 बालू के लदे ट्रक निकले। कर्मचारियों ने किसी से तीन सौ लिए तो किसी से चार सौ। इस पर एक ट्रक के चालक ने इसका विरोध भी किया कहा, बाबू जी रसीद तो दो सौ की दे रहे और ले चार सौ रहे हो तो कर्मचारी बोला, यहां का यही नियम है। ट्रक निकालना है तो पैसा देने होगें।
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सीसीटीवी कैमरों के निर्देश भी बेअसर
शासन ने दो माह पहले जिलाधिकारी को भेजे निर्देश में तहबाजारी की वसूली सीसीटीवी कैमरों की निगरानी में कराने को कहा था। लेकिन इस आदेश को दरकिनार कर दिया गया। वसूली कैंप में सीसीटीवी कैमरे तो दूर यहां जिला पंचायत व पुलिस प्रशासन के अधिकारी झांकने तक नहीं जाते।
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-तहबाजारी में बैरियर लगाकर वसूली करना नियम विरुद्ध है। निर्धारित शुल्क से ज्यादा उगाही हुई तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी। जल्द ही मौके पर छापामारी की जाएगी। वसूली करने वालों को किसी भी हालत में बक्शा नहीं जाएगा।
-संतोष कुमार मिश्रा, अपर मुख्य अधिकारी, जिला पंचायत