बांदा में नियमों के साथ शुरू हुईं कक्षाएं, आपसी गपशप में बीता पहला दिन
जागरण संवाददाता बांदा कोरोना संक्रमण के चलते महाविद्यालयों में शैक्षिक सत्र शुरू होने के क
जागरण संवाददाता, बांदा: कोरोना संक्रमण के चलते महाविद्यालयों में शैक्षिक सत्र शुरू होने के करीब चार माह बाद ऑफलाइन कक्षाएं शुरू हुईं। सोमवार को महाविद्यालयों में रोस्टर के हिसाब से 50 फीसद छात्र-छात्राओं को बुलाया गया। आने वाले छात्र-छात्राओं की संख्या इससे भी कम रही। कॉलेज गेट में प्रवेश के साथ ही छात्र-छात्राओं की थर्मल स्क्रीनिग की गई। उनके हाथ सैनिटाइज करने के बाद ही मास्क में अंदर कक्षाओं में जाने दिया गया। निर्धारित दूरी में उन्हें कक्षाओं में बैठाया गया। पहला दिन परिसर व कक्षाओं में आपसी गपशप में बीता।
कोरोना संक्रमण के चलते महाविद्यालयों में इस वर्ष शैक्षिक सत्र में ऑफलाइन कक्षाएं नहीं संचालित हो रही थीं। करीब छह माह से छात्र-छात्राओं की पढ़ाई पूरी तरह प्रभावित है। शासन के निर्देश पर ऑनलाइन कक्षाएं चलाई जा रही हैं, लेकिन इससे छात्र-छात्राओं का कोर्स नहीं पूरा हो पा रहा है। सोमवार से कोरोना नियमों का पालन करते हुए महाविद्यालयों को खोले जाने के निर्देश दिए थे। शहर और ग्रामीण इलाकों के करीब 26 महाविद्यालयों में ऑफलाइन कक्षाओं का संचालन शुरू किया गया। राजकीय महिला डिग्री कॉलेज में छात्राओं के महाविद्यालय पहुंचने से पहले मुख्य गेट पर थर्मल स्क्रीनिग के लिए दो कर्मचारी लगाए गए थे। इसके अलावा कुछ छात्राएं भी लगी रहीं। कॉलेज आने वाली छात्राओं की पहले थर्मल स्क्रीनिग की गई। तापमान सामान्य होने पर उन्हें सैनिटाइज कराकर अंदर कक्षाओं में जाने दिया गया। प्राचार्य डॉ.दीपाली गुप्ता खुद कोविड-19 हेल्प डेस्क के पास मौजूद रहीं। उन्होंने बताया कि 50 फीसद छात्राओं को सोमवार, बुधवार, शुक्रवार और 50 फीसद छात्राओं को मंगल, गुरुवार व शनिवार को बुलाया गया है। पहले दिन करीब 40 फीसद छात्राएं पहुंची और कक्षाओं में निर्धारित दूरी पर बैठकर पढ़ाई की। वहीं जेएन डिग्री कॉलेज में सोमवार को कॉलेज खोलने के साथ आलाइन कक्षाओं में पढ़ाई शुरू की गई। यहां प्राचार्य डॉ.जेएन कुशवाहा ने कोरोना संक्रमण से बचने के लिए पूरे इंतजाम किए थे। कॉलेज में बेवजह किसी को पटखने नहीं दिया गया। कक्षाओं में जाने से पहले छात्रों की थर्मल स्क्रीनिग हुई।
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अरसे बाद मिले दोस्त तो खिल उठे चेहरे
महाविद्यालयों में फुसत के पल में एक साथ बैठकर गप लड़ाते छात्र-छात्राओं की टोलियां आज महीनों बाद नजर आईं। सोमवार को कॉलेज खुले तो पढ़ाई का माहौल न के बराबर रहा। परिसर, पार्क और आसपास दुकानों में छात्र-छात्राओं ने आपसी हालचाल पूछने में ज्यादा समय बिताया। इस बीच कोर्स के बारे में भी जानकारी साझा की। कोरोना संक्रमण काल में खासकर छात्राओं ने अपनी महीनों से बिछड़ी सहेलियों को गले लगाया। घंटों बैठकर आपस में बातचीत की।
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भय से नहीं उबर पाए अभिभावक :
शासन के निर्देश पर महाविद्यालयों में ऑफलाइन कक्षाएं तो शुरू करा दी गई हैं, पर अभिभावक अभी भी कोरोना के भय से दूर नहीं हो पाए हैं। वह अपने लाड़लों को कॉलेज भेजने में हिचकिचा रहे हैं। कॉलेज जाने से पहले छात्र-छात्राओं को समझा-बुझाकर भेजा। शाम को जब फोन से सही सलामती की जानकारी मिली तो जान में जान आई।