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किसानों की आय दोगुनी करने का दावा, बजट में कंजूसी

जागरण संवाददाता बांदा किसानों की आय दोगुनी करने के लिए सरकार की ओर से अनेक योजनाआ

By JagranEdited By: Published: Sun, 03 Mar 2019 10:32 PM (IST)Updated: Sun, 03 Mar 2019 10:32 PM (IST)
किसानों की आय दोगुनी करने का दावा, बजट में कंजूसी
किसानों की आय दोगुनी करने का दावा, बजट में कंजूसी

जागरण संवाददाता, बांदा : किसानों की आय दोगुनी करने के लिए सरकार की ओर से अनेक योजनाओं का संचालन किया जा रहा है। जल संरक्षण की दृष्टि से स्प्रिंकल व ड्रिप सिचाई अपनाने पर जोर दिया जा रहा है। लेकिन जिले के किसानों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा। लघु सिचाई विभाग में निश्शुल्क बोरिग योजना के लिए 350 किसान तीन सालों से अपनी पूंजी फंसाकर बारी का इंतजार कर रहे हैं। शासन ने महज 38 बोरिग के लिए अनुदान दिया है।

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लघु सिचाई विभाग द्वारा किसानों के खेत सिचाई के लिए मध्यम गहरी बोरिग योजना संचालित की जा रही है। ड्रीप योजना के तहत किसानों को छह इंच पाइप की बोरिग के लिए विभाग द्वारा अनुदान दिया जाता है। किसानों को एक मुश्त 51 हजार रुपये का डिमांड ड्राफ्ट कार्यालय में जमा करना होता है। इसके बाद विभाग किसान के खेत में बोरिग कराने की प्रक्रिया शुरू करता है। बोरिग में पड़ने वाले पाइप, बोरिग मशीन, लेवर चार्ज आदि का खर्च विभाग वहन करता है। 200 फीट गहरी पक्की बोरिग करने में 1.10 लाख रुपये का खर्च आता है। अनुदान के इसी उम्मीद में जनपद के 350 किसानों ने लघु सिचाई विभाग में आवेदन किया। वर्ष 2015 में सर्वे के बाद किसानों ने 45 से 60 हजार रुपये अपनी गांठ का जमा किया। अब तीन साल विभाग के चक्कर काट रहे हैं। उनकी बारी ही नहीं आ रही है। विभाग ने 350 बोरिगों के अनुदान के लिए डिमांड भेजी थी। इसके सापेक्ष महज 38 बोरिगों का पैसा मिला है। इनमें 24 सामान्य वर्ग और 14 अनुसूचित जाति के किसानों के लिए है।

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किसानों की कहानी उनकी जुबानी

-निश्शुल्क बोरिग के लिए लघु सिचाई विभाग में 19 अक्टूबर 2015 को 45 हजार रुपये जमा कराए गए थे। तब से आज तक बोरिग का नंबर नहीं आया।-हनुमान दास सिंह, गुजैनी (बबेरू)

-60 बीघा खेत की सिचाई किराए से मनमानी रकम खर्च करानी पड़ रही है। विभाग में ढाई साल से 55 हजार रुपये जमा हैं। अभी तक अनुदान का नंबर नहीं आ सका।-हरीशंकर तिवारी, कुचेंदू (बबेरू)

-गहरी मध्यम बोरिग योजना के चक्कर में उनकी 50 हजार की पूंजी भी फंस गई और इसका अभी तक कोई भी लाभ नहीं मिला। चक्कर लगाते थक गए हैं।-किसान चंद्रशेखर, आहार (बबेरू)

-लघु सिचाई विभाग के अधिकारी बोरिग के बारे में पूछने पर टका सा जवाब देते हैं। जमा पैसा भी वापस नहीं वापस हो रहा है और न ही बोरिग हो पा रही है।-हरिहर पटेल, साथी (बिसंडा)

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-बोरिग के लिए शासन से 350 लाभार्थियों के अनुदान के लिए डिमांड भेजी गई थी। लेकिन 38 बोरिग के लिए बजट आया है। सभी की बोरिग करा दी गई हैं।-विजय शंकर, अधिशाषी अभियंता, लघु सिचाई


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