सीएचसी में हो जाएगी टीबी मरीजों की जांच
के लिए कई दिनों का इंतजार नहीं करना होगा। अब जिला मुख्यालय में लगी सीवी नॉट मशीन की तरह सीएचसी में ट्रू नॉट मशीन स्थापित होंगी। जिले के सर्वाधिक टीबी प्रभावित क्षेत्रों में इसको वरीयता दी जाएगी। मशीन के माध्यम से चंद मिनटों में ही टीबी के नमूने की जांच हो जाएगी। पुष्टि होने पर मरीजों का तत्काल इलाज शुरू हो जाएगा।
जागरण संवाददाता, बांदा : सब कुछ ठीक रहा तो जल्द ही सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (सीएचसी) में टीबी रोग की जांच की सुविधा उपलब्ध हो जाएगी। फिलहाल बबेरू, नरैनी व जसपुरा में ट्रू नॉट मशीन स्थापित की जाएंगी। इसके माध्यम से चंद मिनटों में ही टीबी के नमूने की जांच हो जाएगी।
जिला मुख्यालय स्थित क्षय रोग अस्पताल में टीबी जांच के लिए सीवी नॉट मशीन है। ग्रामीण इलाकों के मरीजों को यहां आने में लंबी दूरी तय करनी पड़ती है। वहीं, ग्रामीण क्षेत्रों से सैंपल जांच के लिए मुख्यालय ही भेजे जाते हैं। इसमें दो से तीन दिन तक का समय लगता है। सीएचसी में सुविधा उपलब्ध होने के बाद दो घंटे में ही जांच कर मरीजों को रिपोर्ट मिल जाएगी। टीबी की पुष्टि हुई तो तत्काल इलाज मुहैया कराया जाएगा। इससे टीबी पर अंकुश लगाने में मदद मिलेगी। जिला कोऑर्डिनेटर प्रदीप वर्मा के मुताबिक यह पहली स्वदेशी मशीन है। बलगम में टीबी का एक भी बैक्टीरिया मौजूद है तो जानकारी हो जाएगी। मरीज की स्थिति व रोग पनपने की अवस्था तक की रिपोर्ट मशीन से मिलेगी।
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सीएसची बबेरू, नरैनी व जसपुरा में ट्रू नॉट मशीन लगाई जाएगी। इन क्षेत्रों में टीबी मरीज अन्य ब्लॉकों की अपेक्षा दोगुणा मिल रहे हैं। इंडिया हेल्थ की ओर से मशीन उपलब्ध कराई जा रही है।
-डॉ. वीपी वर्मा, जिला क्षय रोग अधिकारी, बांदा
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जनपद में टीबी मरीजों की स्थिति
पुराने मरीज - 874
नए मरीज - 3367
पुरुष मरीज - 2774
महिला मरीज - 1464
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कुल मरीजों की संख्या 4238