सड़क-खडंजा के नाम पर सवा लाख रुपये का गबन
जागरण संवाददाता बांदा पंचायती राज विभाग व मनरेगा सेल के भुगतान और खर्च में पारदर्शिता हो
जागरण संवाददाता, बांदा : पंचायती राज विभाग व मनरेगा सेल के भुगतान और खर्च में पारदर्शिता होने के बावजूद प्रधान व सचिव विकास कार्यो की आड़ में गबन कर रहे हैं। ताजा मामला सड़क बनवाने के नाम पर सवा लाख रुपये के घोटाले का सामने आया है। सीडीओ ने तीनों ग्राम पंचायतों के प्रधान, सचिव और तकनीकी सहायकों से रिकवरी करने के आदेश दिए हैं। साथ ही अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए भी आख्या तलब की है।
मामला बिसंडा ब्लॉक की ग्राम पंचायत पवईयां, बबेरू ब्लाक के मियां बरौली और निभोर ग्राम पंचायत से जुड़ा है। यहां सड़क बनवाने के नाम पर एक लाख 11 हजार रुपये का आहरण किया गया था। हालांकि सड़क का निर्माण ही नहीं किया गया। ग्रामीणों की शिकायत पर ग्राम्य विकास विभाग में एपेक्स तकनीकी प्रकोष्ठ के मुख्य प्राविधिक परीक्षक ने मामले की जांच की। 21 फरवरी को सीडीओ को भेजी गई रिपोर्ट में घोटाला सामने आया। इसमें बताया गया कि पवईया गांव में ओरन-बबेरू मार्ग से राजाभइया कुशवाहा के खेत की ओर संपर्क मार्ग और नथिया के खेत की ओर मिट्टी भराई के लिए ग्राम विकास अधिकारी महेश कुमार, प्रधान रामखिलावन व तकनीकी सहायक मुवीन जैदी ने पहले 25 हजार 696 रुपये फिर 31 हजार 393 रुपये की राशि खर्च होना दर्शाया है। इसी तरह मियां बरौली में सचिव कमलेश सिंह, प्रधान चंपा देवी व तकनीकी सहायक मनोज कुमार ने सड़क के मौरमीकरण में 34 हजार 328 रुपये और निभौर ग्राम पंचायत में खडंजा के लिए सचिव कमलेश सिंह, प्रधान इंद्रकली सिंह व तकनीकी सहायक सुरेश सिंह ने 19,448 रुपये का खर्च दिखाया। हालांकि काम कहीं पर भी नहीं किया गया। सीडीओ हरिश्चंद्र वर्मा ने बताया कि सभी से रिकवरी की जाएगी। खंड विकास अधिकारियों ने एक सप्ताह में वसूली व कार्रवाई की आख्या तलब की है।