केन नदी का सीना चीर रहे माफिया
विमल पांडेय, जागरण संवाददाता, बांदा : एनजीटी (नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ) की कड़ी हिदायत के बाद भ्
विमल पांडेय, जागरण संवाददाता, बांदा : एनजीटी (नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ) की कड़ी हिदायत के बाद भी माफिया केन नदी का सीना चीर रहे हैं। यहां रोक के बावजूद आधा दर्जन पौकलैंड मशीनों से खनन कार्य कराया जा रहा है। माफिया के इस खेल में अप्रत्यक्ष रूप से प्रशासन का भी सहयोग है।
केन नदी की जलधारा मोड़कर माफिया नदी का अस्तित्व मिटाने पर तुले हैं। शुक्रवार को जागरण ने मौरंग खनन की पड़ताल की तो चौकाने वाली हकीकत सामने आई। नरैनी में जल सत्याग्रह शुरू होने के बावजूद यहां धड़ल्ले से खनन चलता मिला। सबसे बुरी हालत दुरेडी खदान की मिली। यहां बड़े पैमाने पर सक्रिय माफिया ने नदी की जलधारा के बीच ही पोकलैंड मशीनें लगा रखी हैं। दो दिन पहले इनकी शिकायत भी हुई थी लेकिन प्रशासन ने इन्हें बिना जांच ही क्लीन चिट दे दी। शुक्रवार को फिर जलधारा के बीच में मशीनों ने काम किया।
नियम जो ताक पर रखे
- मौरंग माफिया अपने निर्धारित पट्टे में खनन न करके बीच जल धारा तक पहुंच रहे हैं।
-केन नदी की दुरेडी खदान में बीच जलधारा में बनाया गया आम रास्ता
- मौरंग खनन में लिफ्टर मशीन पर रोक के बावजूद किया जा रहा प्रयोग
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वाहनों पर की जा रही मौरंग की ओवरलोडिंग
मौरंग माफिया केन नदी की जलधारा को छलनी करने के साथ ही वाहनों में मौरंग की ओवरलोडिंग कर रहे हैं। नियमत: ट्रैक्टर में 3 घनमीटर 100 फुट के बजाए 6 घनमीटर, छह चक्का ट्रक में 9 घनमीटर के स्थान पर 15 घनमीटर, दस चक्का ट्रक में 16 घनमीटर के स्थान पर 30 घनमीटर मौरंग भरी जा रही है। जिले में कहीं भी मौरंग खनन नहीं हो रहा है। जहां भी शिकायत मिलती है वहां टीम भेजकर जांच कराई जाती है।
हीरालाल
जिलाधिकारी बांदा
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दुरेडी मौरंग खदान की दो दिन पहले शिकायत मिली थी मौके पर छापेमारी भी की गई थी लेकिन एक भी पोकलैंड मशीन नहीं मिली। अगर मौरंग खनन नियमों के विरुद्ध हो रहा है तो पट्टाधारक के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।
-शैलेंद्र ¨सह
जिला खनन अधिकारी