पर्दाफाश: सर्राफ के भाई के ड्राइवर ने कराई थी लूट
पुलिस ने सात जनवरी को कोहाड़ापीर में हुई 15 लाख की लूट का पुलिस ने खुलासा कर दिया है।
जेएनएन, बरेली: पुलिस ने सात जनवरी को कोहाड़ापीर में हुई 15 लाख की लूट और इसमें शामिल बदमाशों के एहलादपुर में एनकाउंटर में मारे जाने के बाद की कहानी का खुलासा अब किया है। घटना में शामिल सात बदमाशों को गिरफ्तार कर लिया गया है। सर्राफ के यहां लूट उनके भाई के ड्राइवर ने कराई थी।
एसएसपी मुनिराज ने रविवार को बताया कि सर्राफ अनूप अग्रवाल के भाई मनोज अग्रवाल के ड्राइवर अमित को पता था कि अनूप की दुकान पर काम करने वाले कर्मचारी सुबह रुपये लेकर ऑटो से दिल्ली जाएंगे। उसने यह जानकारी अपने दोस्त संतोष गुप्ता निवासी बानखाना चौराहा प्रेमनगर व कांधरपुर के चन्द्रदीप कालोनी निवासी अतुल गुप्ता को दी। संतोष ने देवरनिया के रहने वाले सुरेन्द्र कुमार उर्फ राजू, भोजीपुरा के धौराटांडा निवासी वकील अहमद, व शेरगढ़ के बंजरिया जागीर गांव निवासी तनवीर को दी। वकील पुराना शातिर अपराधी है। वकील ने अपने पुराने परिचित बदमाश अशोक को बुलाया। अशोक अपने साथ कपिल को लेकर बरेली आया।
प्लानिंग के तहत सात जनवरी की सुबह चार बजे बदमाश सर्राफ के घर के रास्ते पर लग गए। जैसे ही सर्राफ के कर्मचारी टेंपो से स्टेशन के लिए निकले। लुटेरे टाटा सफारी व मोटरसाइकिलों से टेम्पो का पीछा करने लगे। कोहाड़ापीर की पुलिया पर घटना को अंजाम देने के बाद अशोक व कपिल बाइक से रुपयों से भरा थैला लेकर अलग निकल गए। इनके साथ राजू व तनवीर भी थे। इज्जतनगर में एहलादपुर के पास पुलिस एनकाउंटर में अशोक व कपिल तो ढेर हो गए, जबकि राजू व तनवीर जान बचाकर भाग निकले। मारे जाने के डर से जमानत तुड़वाकर चला गया था जेल
लूट में शामिल भोजीपुरा के धौराटांडा का वकील अहमद घटना के दो दिन बाद नौ जनवरी को जमानत तुड़वाकर जेल चला गया। वकील अहमद पर 25 आर्म्स एक्ट का मुकदमा चल रहा था। इसमें वह जमानत पर था। 22 दिन बाद उसने अपनी जमानत कराई थी। वकील ने बताया कि 1998 में उस पर 302 का एक मुकदमा दर्ज हुआ था। लेकिन अदालत से वह मुकदमा छूट गया। पूर्व चेयरमैन का लड़का भी गया जेल
धौराटांडा के पूर्व चेयरमैन अब्दुल अजीज का पुत्र फैसल भी घटना में शामिल था। फैसल दो महीने पहले ट्रक चोरी के मामले में भी जेल गया था। घटना से कुछ दिन पहले ही वह जेल से छूटकर आया था। अतुल ने की थी दो बार रेकी
घटना से पहले अतुल ने दो बार रेकी की थी। घटना से 18 दिन पहले वह बाकायदा दिल्ली तक गया था। सर्राफ के कर्मचारियों को इसकी भनक तक नहीं लगी। इससे पहले भी अतुल एक बार रेकी कर चुका था। इज्जतनगर फ्लाईओवर के नीचे मिलना था सभी बदमाशों को
लूट के बाद सभी बदमाशों को इज्जतनगर के निर्माणाधीन फ्लाईओवर के नीचे मिलना था। वकील सफारी गाड़ी से सबका वहीं इंतजार कर रहा था। लूट की घटना के बाद अतुल भी वहां पहुंच गया था। इधर कपिल और अशोक शातिर निकले। उन्होंने लूट के बाद दूसरी राह पकड़ ली और इज्जतनगर पहुंच गए। रुपयों के बंटवारे को लेकर आपस में हो रही थी नोकझोंक
लाखों की लूट की घटना में बदमाशों के हाथ एक रुपया भी नहीं आया। दरअसल रुपये अशोक और कपिल के पास थे और दोनों एनकाउंटर में मारे गए। पुलिस ने रुपये बरामद कर लिए। बदमाशों को यह बात दूसरे दिन पता चली। इसके बाद भी बदमाशों में आपस में यह फूट थी कि उनका कोई साथी दूसरा थैला ले गया है। चूंकि अशोक को केवल वकील जानता था इसलिए बाकी बदमाश वकील पर रुपये देने का दबाव बना रहे थे। वकील पर जब ज्यादा दबाव पड़ा तो वह जमानत तुड़वाकर जेल चला गया। अमित के चक्कर में हुई देर
पुलिस घटना का पर्दाफाश तो काफी पहले कर देती लेकिन उसे घटना का सूत्रधार नहीं मिल रहा था। 22 दिन वकील अहमद जेल में रहा। इसके बाद कड़ी जुड़ते-जुड़ते जब अमित तक पहुंची तब पुलिस ने अमित को उठा लिया। इसके बाद लूट की पूरी गुत्थी खुलती गई। अमित के पिता नामी सर्राफ के यहां ड्राइवर हैं। मनोज से उनकी जान-पहचान है। पिता की वफादारी को देखते हुए उन्होंने चार महीने पहले ही अमित को अपने यहां रखा था। अमित भी कई बार सर्राफ के रुपये दिल्ली ले जा चुका था। बयान
घटना में शामिल सभी बदमाशों को पकड़ लिया गया है। उनके पास से टाटा सफारी, बाइक, तीन तमंचे व आठ मोबाइल बरामद हुए हैं।
- मुनिराज, एसएसपी