17 लाख लोगों को खिलाई जाएगी फाइलेरिया की दवा
जागरण संवाददाता, बांदा : फाइलेरिया एक घातक बीमारी है। इसे लेकर स्वास्थ्य विभाग गंभीरता बरत
जागरण संवाददाता, बांदा : फाइलेरिया एक घातक बीमारी है। इसे लेकर स्वास्थ्य विभाग गंभीरता बरत रहा है। जिले की 17 लाख आबादी को फाइलेरिया से दूर रखने के लिए दवा खिलाए जाने की तैयारी है। इसके लिए हेल्थ वर्करों की सैकड़ों की टीमों को जिम्मेदारी सौंपी गई है।
जिले में मच्छर जनित बीमारी फाइलेरिया से 1460 मरीज पीड़ित हैं। चिकित्सक इनका उपचार कर रहे हैं। हाथी पांव व मरीजों के लटकते अंगों में सूजन आने से परेशानी के बढ़ते संकट को रोकने के लिए स्वास्थ्य महकमा 10 से 14 फरवरी तक फाइलेरिया निरोधी डोर टू डोर महाअभियान चलाने जा रहा है। इसके लिए 1890 वर्करों की 945 टीमें गठित की गई हैं। इन्हें 17 लाख 26 हजार 560 लोगों को फाइलेरिया से बचाने के लिए दवा खिलानी होगी। प्रथम चरण के बाद 15 से 24 फरवरी तक खोजी अभियान चलाया जाएगा। हेल्थ वर्करों के कार्यो का सुपरविजन करने के लिए 231 सुपरवाइजर तैनात किए गए हैं।
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इस वर्ग को नहीं खिलाई जाएगी दवा
- फाइलेरिया निरोधी अभियान में खासकर दो वर्ष से कम उम्र वाले बच्चे व गर्भवती महिलाओं को दवा नहीं खिलाई जाएगी। हेल्थ वर्करों व सुपरवाइजरों को इन खास ¨बदुओं की जानकारी दी जा रही है।
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फाइलेरिया के संकट को दूर करने के लिए प्लान तैयार किया गया है। प्रयास रहेगा कि दिए गए लक्ष्य को शत प्रतिशत पूरा किया जाए, ताकि कोई भी फाइलेरिया का शिकार न हो।
- डॉ. संतोष कुमार सीएमओ