वाहनों पर काली फिल्म, प्रशासन के आंखों पर पट्टी
जागरण संवाददाता, बांदा : शहर में काली फिल्म लगे वाहन बेरोकटोक फर्राटा भर रहे हैं, ल
जागरण संवाददाता, बांदा : शहर में काली फिल्म लगे वाहन बेरोकटोक फर्राटा भर रहे हैं, लेकिन प्रशासन आंखों पर काली पट्टी बांधे बैठा है। सुप्रीम कोर्ट और शासन की ओर से प्रतिबंध के बावजूद इन पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।
शासन ने दो साल पहले काली फिल्म लगे वाहनों को प्रतिबंधित कर दिया था। इसके बावजूद जिले में वाहनों पर काली फिल्म लगवाने का सिलसिला जारी है। परिवहन विभाग अभियान चलाकर इन्हें पकड़ता भी है तो वसूली करके छोड़ दिया जाता है। इसके अलावा नाम पट्टिका और हूटर लगवाना भी युवाओं का शगल बनता जा रहा है। हर दिन ऐसे वाहन आसानी से किसी भी सड़क पर देखे जा सकते हैं लेकिन प्रशासन और पुलिस को यह नहीं दिखता।
---------------
अराजकतत्व उठा रहे हैं फायदा
शहर में बेरोकटोक दौड़ रहे काली फिल्म लगे वाहनों पर कार्रवाई न होने से बदमाश बेखौफ हैं। अराजकतत्व वारदात को अंजाम देकर आसानी से निकल जाते हैं।
----------
डिजाइन में अंकित नंबर बने परेशानी
कई ऐसे वाहन सड़कों पर दौड़ रहे हैं। नंबर भी अस्पष्ट हैं। दुर्घटना करने के बाद भी इनका नंबर लोगों के समझ में नहीं आ पाता।
------------
वाहनों के शीशे पर किसी भी प्रकार की फिल्म लगाने की अनुमति नहीं है। इसके बाद भी कुछ वाहन सवार काली फिल्म लगाकर घूमते हैं। जल्द ही अभियान चलाकर इन पर कार्रवाई की जाएगी।
-राजेश वर्मा, सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी