देवी प्रतिमा स्थापित करने से पहले लेनी होगी जिला प्रशासन से अनुमति
जागरण संवाददाता बांदा शासन की ओर से देवी पंडालों को लेकर राहत देने से जिले के युवाओं
जागरण संवाददाता, बांदा: शासन की ओर से देवी पंडालों को लेकर राहत देने से जिले के युवाओं से साथ ही मूर्तिकारों में भी उत्साह की लहर रही। वहीं प्रशासन ने भी इसको लेकर तैयारियां शुरू कर दी है। मंडलायुक्त ने बताया कि हर पंडाल संचालक को उतनी ही छूट मिलेगी जितने शासनादेश में दी गई है। हर हाल में नियमों का पालन कराया जाएगा। सार्वजनिक पंडाल के लिए प्रशासन से अनुमति लेना भी आवश्यक होगा।
जिले में नवरात्र महोत्सव का पर्व विशेष होता है। यहां शहर समेत गांवों में करीब एक हजार प्रतिमाएं स्थापित होती हैं। इस वर्ष कोरोना संक्रमण के कारण मूर्ति स्थापना पर संशय बना हुआ था। केंद्रीय पूजा समिति ने शासन को पत्र भेजकर नई गाइड जारी करने की मांग की थी। शासन ने शुक्रवार को मूर्ति स्थापना व पंडाल सजाने की अनुमति तो दी है,तो आयोजकों व मूर्तिकारों के साथ ही युवाओं में भी उत्साह देखने को मिला।
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इन नियमों का करना होगा पालन
- मूर्ति पारंपरंकि और खाली स्थान पर ही स्थापित होगी।
- पंडाल का आकार पहले की तुलना में छोटा होगा।
- महोत्सव व प्रतिमा विसर्जन के लिए रूट प्लान बनाना होगा।
- अनुमति लेते समय ही अधिकतम व्यक्तियों की संख्या का भी निर्धारण करना होगा।
- मूर्ति विसर्जन में छोटे वाहनों का ही प्रयोग करना होगा।
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शासन से पंडाल सजाने को लेकर जो निर्देश दिए गए हैं उनका हर हाल में पालन कराया जाएगा। अगर इसके लिए अधिकारियों के साथ बैठक कर दिशा निर्देश भी दिए जाएंगे। अधिकारी ये सुनिश्चित करेंगे कि सभी जगह नियमों का पालन हो रहा है। सार्वजनिक पंडाल सजाने से पूर्व अनुमति लेना अनिवार्य होगा।
गौरव दयाल, आयुक्त चित्रकूटधाम
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शासन की ओर से जो भी निर्देश दिए गए हैं। उनका हम सब मिलकर पालन करेंगे। देवी प्रतिमा पंडाल व विसर्जन जुलूस में कोविड-19 के नियमों का पालन कराया जाएगा। सभी समितियों के पदाधिकारियों की बैठक बुलाकर उन्हें इससे अवगत कराया जाएगा।
-अमित सेठ भोलू, अध्यक्ष केंद्रीय पूजा समिति, बांदा
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सरकार की ओर से राहत देने से हम सब में बहुत खुशी है। अब सभी लोग मूर्तियों का अंतिम रुप देने में जुट गए है। इस अनुमति से हमे आजीविका चलने में भी मदद मिलेगी।
-रामजी शर्मा, मूर्ति कला केंद्र, स्वराज कॉलोनी, बांदा