बर्न वार्ड में में बढ़ेंगे बेड, मिलेंगी सुविधाएं
जागरण संवाददाता, बांदा : दीपावली में हर वर्ष पटाखे दागते समय कई लोग जख्मी होते हैं। इस दौरान
जागरण संवाददाता, बांदा : दीपावली में हर वर्ष पटाखे दागते समय कई लोग जख्मी होते हैं। इस दौरान जिला अस्पताल में पटाखों से घायल होने वालों की तादाद बढ़ जाती है। इसके लिए जिला चिकित्सालय में इंतजाम किए जा रहे हैं। चिकित्सकों ने पटाखे दागते समय लोगों को विशेष एहतियात बरतने की सलाह दी है। बच्चों को धमाके वाले पटाखों से दूर रहने की चेतावनी दी गई है।
दीपावली हो और लोग आतिशबाजी न करें यह कैसे हो सकता है। ¨कतु कई बार पटाखे दागने में जरा सी चूक लोगों को ¨जदगी भर के लिए जख्म दे जाती है। दीपावली पर्व नजदीक है। लोगों ने अपने-अपने तरीके से इस त्यौहार को मनाने की तैयारियां भी शुरू कर दी हैं। आतिशबाजी के लोगों के जख्मी होने की घटनाएं भी बढ़ जाती हैं। इसके लिए जिला अस्पताल को भी अपनी तैयारियां करके रखनी पड़ती हैं। इस वर्ष भी अस्पताल में इन घटनाओं से निपटने के लिए तैयारियां की गईं हैं। बर्न वार्ड में अतिरिक्त बेडों की व्यवस्था की जा रही है। इसके अलावा बारूद से आंखों को होने वाले नुकसान से बचाने के लिए आई ड्रॉप व बर्न के समय उपयोगी औषधियों की मात्रा बढ़ाई गई है। चिकित्सकों की टीम को इमर्जेंसी में हर समय उपलब्ध रहने के निर्देश दिए गए हैं। ऐसे बचें बारुद से :
जिला अस्पताल के चिकित्सक विनीत सचान ने लोगों को पटाखे दागते वक्त विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी। उन्होंने बताया कि आतिशबाजी से तीन तरह के नुकसान होते हैं। आतिशबाजी से ध्वनि प्रदूषण, वायु प्रदूषण समेत शारीरिक क्षति भी हो सकती है। ज्यादा आवाज वाले पटाखों से कान के पर्दों को क्षति होने से आवाज जा सकती है। आंखों में बारूद जाने से आंखों की रोशनी जाने का खतरा भी रहता है। उनकी सलाह है कि आंख में बारूद जाने पर तत्काल साफ पानी से धुलें और चिकित्सक से सलाह लें। शरीर का कोई अंग जल जाने पर उसे तत्काल ठंडे पानी से धुलें और चिकित्सक के पास पहुंचे। उनकी सलाह है कि बच्चों को तेज आवाज वाले पटाखों से दूर रखें। पटाखे खुले मैदान में दागें।