बांदा का तिहरा हत्याकांड : गरीबों को शिक्षित करने के लिए बांटता था कॉपी-किताब
जागरण संवाददाता बांदा तिहरे हत्याकांड में जिस सिपाही अभिजीत की जांच गई वह गरीब बच्चों क
जागरण संवाददाता, बांदा : तिहरे हत्याकांड में जिस सिपाही अभिजीत की जांच गई वह गरीब बच्चों की शिक्षा के लिए किसी मसीहा से कम नहीं था। गरीब के बच्चों को शिक्षित करने के लिए अपने पैसों से कॉपी किताब बांटता था। ये बताते हुए दिवंगत की मौसी कोतवाल के सामने फफक पड़ीं।
सोमवार को सिपाही का बड़ा भाई सौरभ, मौसी लीलावती निवासी लुधियाना पंजाब, मौसेरा भाई श्याम सूर्यवंशी,ममेरा भाई मनीष आदि कोतवाल दिनेश सिंह से मिले। स्वजन ने बताया कि अभिजीत के पिता रामप्रसाद के पास कुल पांच बीघा जमीन थी। जिससे वह परिवार का भरण-पोषण करते थे। कई बार आर्थिक दिक्कतों का परिवार को सामना करना पड़ता था। वर्ष 2016 में अभिजीत की जब पुलिस विभाग में तैनाती हुई तो उसने अपने घर को आर्थिक रूप से संवारने के साथ आसपास के गरीब बच्चों की भी मदद करना शुरू कर दिया। वह जब भी ड्यूटी से लौटकर घर आता था। अपने पास से कॉपी-किताब, पेंसिल व लिखने-पढ़ने की सामग्री खरीदकर लाता था। गरीब बच्चों को शिक्षित करने के लिए उन्हें लाई हुई सामाग्री बांटता था। मौसी ने बताया कि उसे खुद भी शुरू से पढ़ने का शौक था। इससे उसकी इच्छा रहती थी कि कोई गरीब बच्चा उसकी जानकारी में पढ़ाई से वंचित न रहे। कई बार तो उसने बच्चों की स्कूल में फीस भी खुद दी थी।
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मजबूत गवाह तलाश रही पुलिस
- तिहरे हत्याकांड में जहां सिपाही का भाई व उसके करीबी रिश्तेदार हत्यारोपितों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाना चाहते हैं, वहीं पुलिस भी किसी मजबूत गवाह की तलाश कर रही है। पुलिस ने सिपाही के भाई व रिश्तेदारों से भी मजबूत गवाह का नाम लिखाने के लिए कहा है। जो सच्चाई बयां करने में किसी भी तरह पीछे न हटे।
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भाई ने हत्यारोपित को फोन पर समझाने का किया था प्रयास
- पीएसी प्रशिक्षणरत बड़े भाई सौरभ ने बताया कि 20 नवंबर को घटना के पहले दिन में उसने हत्यारोपित देवराज को फोन किया था। उन्हें विवाद न करने के लिए उसने समझाया था। इससे वह यह मान रहा था कि शायद उसकी बात मानकर अब हत्यारोपित विवाद नहीं करेंगे। लेकिन इसके बाद भी वह नहीं मानें। पूर्वनियोजित ढंग से उन्होंने तिहरे हत्याकांड को अंजाम दे डाला।
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पहले भी मां व बहन के साथ मारपीट की रिपोर्ट कराई थी दर्ज
सौरभ ने बताया कि करीब डेढ़ साल पहले भी देवराज व उसके परिवार ने घर में घुस मां और बहन के साथ मारपीट की थी। जिसकी उसने रिपोर्ट दर्ज कराई थी। सोमचंद्र की वजह से उन लोगों के हौसले बढ़े रहते थे।
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मोहल्लेवासियों को धमका रहे गुर्गे
- बड़े भाई सौरभ ने बताया कि उनके घर के पास चार गलियां हैं। नाम मात्र की पुलिस उनके घर से काफी दूरी पर लगी है। जबकि कम से कम 15 से 20 पुलिस कर्मियों की ड्यूटी लगनी चाहिए। उसका आरोप है कि फरार हत्यारोपित सोमचंद्र के गुर्गें मोहल्लेवासियों को गवाही न देने के लिए धमका रहे हैं।