सप्ताहभर से मंडी में डेरा डाले अन्नदाता, नहीं आई बारी
संवाद सूत्र ओरन गेहूं खरीद का समय चंद दिन बचा है। अन्नदाता कड़ी मेहनत के बाद पैदा की गई
संवाद सूत्र, ओरन : गेहूं खरीद का समय चंद दिन बचा है। अन्नदाता कड़ी मेहनत के बाद पैदा की गई उपज को बेचने में हलकान है। कहने को बिसंडा और बाघा मंडी में खरीद केंद्र खुले हुए हैं। खरीद की धीमी रफ्तार का आलम यह कि सप्ताहभर से डेरा डाले किसान की बारी नहीं आई है। पैदावार बेचने के लिए भटक रहे हैं। मजबूरी में उपज लेकर मंडी में ही रात गुजारने को मजबूर हैं। आरोप है कि बिचौलियों का बोलबाला है। जिम्मेदार मौन साधे हैं और जमीनी हालात से बेखबर हैं।
बिसंडा और ओरन की बाघा मंडी में गेहूं खरीद केंद्र खुले हैं। बिसंडा में तीन सेंटर विपणन विभाग के हैं, जिनमें खरीद हो रही है। पीसीएफ के सेंटर में खरीद बहुत धीमी है। सहकारी समिति के केंद्र में मनमानी चरम पर है। कभी बोरी नहीं तो कभी दूसरी समस्या बताकर दूसरे सेंटर में भेज दिया जाता है। किसान केंद्रों के बीच भटकने को मजबूर हैं। आजिज आकर अपनी पैदावार औने पौने दाम में आढ़त में बेच रहे हैं। किसानों का कहना कि सहकारी समिति सेंटर में बिचौलियों की खरीद हो रही है। मंडी में कई दिनों से ट्रैक्टर ट्राली लिए गेहूं बेचने के लिए खड़े हैं।
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हाथों हाथ लिए जा रहे बिचौलिए
किसानों का आरोप कि बिचौलियों को देख केंद्र वाले हाथों हाथ लेते हैं और उनका गेहूं खरीदा जा रहा है। हम लोगों ने विपणन विभाग के अधिकारियों, सहकारी समिति व अन्य अधिकारियों से शिकायत भी की लेकिन कोई निराकरण नहीं हुआ।
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बाघा मंडी में भी एक जैसा हाल
यही हाल ओरन की बाघा मंडी का भी है। गेहूं बेचने के लिए हफ्ते भर से किसान डेरा डाले हुए हैं। रातें गुजारने को मजबूर हैं। किसान कहते हैं कि छह माह की कड़ी मेहनत के बाद अब तैयार फसल को बेचना टेढ़ी खीर साबित हो रही है। दो दिन पहले ओरन सहकारी समिति के सचिव के खिलाफ किसानों ने विरोध प्रदर्शन भी किया था। बोरी ना होने से सेंटर में खरीद बंद चल रही है।