बांदा में करीब एक माह बीते, सिर्फ 1176 टन हुई धान खरीद
जागरण संवाददाता बांदा जिले में धान खरीद एक नंवबर से हो रही है लेकिन अभी तक महज 117
जागरण संवाददाता, बांदा : जिले में धान खरीद एक नंवबर से हो रही है, लेकिन अभी तक महज 1176 मीट्रिक टन खरीद हो सकी है। जबकि लक्ष्य 75 हजार मीट्रिक टन निर्धारित है। 43 केंद्रों का अनुमोदन हो चुका है। अभी तक आधे से ज्यादा केंद्रों में अव्यवस्थाएं हैं, जिसका खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ रहा है। किसानों का धान हफ्तों से केंद्रों में पड़ा है, पर वह बेंच नहीं पा रहे हैं। मजबूरी में उन्हें आढ़तियों के यहां जाना पड़ रहा है। आढ़तिया उनकी मजबूरी का फायदा उठा शोषण कर रहे हैं।
धान खरीद को लेकर सरकार व उच्चाधिकारियों के दावे यहां बेमानी साबित हो रहे हैं। धान खरीद केंद्रों में किसानों का जमघट लग रहा है। धान भी खूब आ रहा है, पर खरीद नहीं हो पा रही है। किसानों का कहना है कि केंद्रों में धान मानक के विपरीत कहकर लौटा दिया जाता है। केंद्र प्रभारियों की आढ़तियों की साठगांठ है। केंद्रों में खरीद न होने से मजबूरी में किसानों को व्यापारियों के यहां 12-13 सौ रुपये क्विटल में बेंचना पड़ रहा है। बिसंडा, बबेरू, नरैनी, बदौसा, अतर्रा व गिरवां क्षेत्र में धान लगभग कट चुका है। किसानों के पास इस समय रबी की बुवाई का खर्च है। इसे पूरा करने के लिए वह धान बेंचने की जुगत में हैं, पर उन्हें समर्थन मूल्य का लाभ नहीं मिल रहा है। खरीद केंद्रों में धान लिए किसान प्रभारियों का इंतजार करते हैं, पर दिन-दिन भर उनका पता नहीं रहता। उनका ट्रैक्टर का मनमानी भाड़ा भी लगता है।
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व्यवस्था न सुधरी तो आंदोलन
जिम्मेदार अधिकारी केंद्र प्रभारियों की मनमानी पर अंकुश लगा पाने में नाकाम हैं। धान लेकर आने वाले किसानों को तमाम बहाने बनाकर लौटाया जा रहा है। कहीं पंजीयन में समस्या है तो कहीं नमी का रोना है। किसान हताश व मायूस है। वह आढ़तियों को बेहद कम रेट में धान बेंचने को मजबूर हो रहे हैं। यदि धान खरीद की व्यवस्था ठीक नहीं की गई तो भाकियू आंदोलन के लिए बाध्य होगी।
-संतोष सिंह, भाकियू अध्यक्ष
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-धान खरीद में प्रभारी रुचि नहीं ले रहे हैं। धान से लदा ट्रैक्टर-ट्राली लिए सप्ताह भर से मंडी में समय काट रहे हैं। नंबर अभी तक नहीं आया। अब प्रभारी ने कहा है कि नंबर आने वाला है। देखते हैं कब तक खरीद होती है या नहीं।
-किसान हरपाल सिंह, बिसंडा
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-धान बेचने को एक सप्ताह से चक्कर काट रहा हैं। प्रभारी न टोकन दे रहै हैं और न ही खरीद के संबंध में कोई जानकारी दे रहे हैं। आज नंबर आएगा यह मानकर रोजना इंतजार करना पड़ रहा है। बारिश में भींगकर धान भी खराब हो जा रहा है।
-किसान राजेश पटेल,बरौली
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-जिले में 43 केंद्र अनुमोदित किए जा चुके हैं। इनमें दीपावली के पहले कुछ केंद्र अनुमोदित हुए हैं। उनकी कुछ व्यवस्थाएं नहीं पूरी हो पाई हैं। वहां केंद्र प्रभारी नहीं खोल रहे हैं। इसके अलावा सभी केंद्र खोले जा रहे हैं। जहां लापरवाही मिलेगी, वहां प्रभारी पर कार्रवाई होगी।
-गोविद उपाध्याय, डिप्टी आरएमओ, बांदा