छह माह में बढ़ गए 79 सारस
जागरण संवाददाता, बांदा : बुंदेलखंड में अनेकों प्रकार के पक्षियों का बसेरा है जिसमें सारस भी
जागरण संवाददाता, बांदा : बुंदेलखंड में अनेकों प्रकार के पक्षियों का बसेरा है जिसमें सारस भी यहां के विभिन्न क्षेत्रों में प्रवास करते हैं। वन विभाग द्वारा करायी गई ग्रीष्म कालीन गणना में कुल 357 पक्षी पाए गए हैं। जो पिछली गणना की तुलना में 79 अधिक हैं।
भौगोलिक लिहाज से देखें तो बुंदेलखंड में जहां अधिकांशत: समतली मैदान है वहीं ज्यादातर सरहदी इलाका पहाड़ व वनों से आच्छादित है। जंगली क्षेत्रों में जहां कई प्रकार के वन्य जीव पाए जाते हैं वहीं वन क्षेत्रों के साथ मैदानी इलाकों में
अनेकों प्रकार के पक्षियों का भी प्रवास है। हालांकि पिछले कुछ सालों की तुलना में इधर जरूर कई प्रकार के पक्षी कम नजर आने लगे हैं। इनमें गिद्ध, बया जैसे पक्षी प्रमुख हैं। यहां पाए जाने वाले पक्षियों में सारस प्रमुख है जो अधिकांशत: खेतों के साथ-साथ नदी, तालाब व झीलों के किनारे नजर आते हैं। राज्य पक्षी सारस की वन विभाग द्वारा हर साल दो बार गणना करायी जाती है। जिसकी शुरुआत शीतकाल से होती है और दोबारा गर्मी के मौसम में गिनती की जाती है। अबकी बार ग्रीष्म कालीन गणना 25 व 26 जून को कराई गई। वन विभाग के मुताबिक गणना को पूरा करने के लिए विभागीय दरोगा वन संरक्षकों को जिम्मेदारी सौंपी गई थी। उप क्षेत्रीय वनाधिकारी जुनैद अहमद ने बताया कि ग्रीष्म कालीन गणना में 357 सारस पाए गए हैं। जो पिछली अर्थात शीतकालीन गणना की तुलना में 79 अधिक है। पिछली गणना में कुल 278 सारस पाए गए थे। यह पक्षी अक्सर जोड़े में पाया जाता है। इनसेट
किसानों का साथी है सारस
बांदा : सारस हमारा राज्य पक्षी है। किसान इसे अपना मित्र भी मानते हैं क्योंकि अक्सर जोड़े में रहते हुए खेतों के आसपास प्रवास करते हैं। ग्रीष्मकालीन गणना रिसौरा, पतरहा, कनवारा, दरदा, छेहरांव, पैंगबरपुर, पड़ई, गड़रानाला, परमपुरवा, सांडी, मिरगहनी, भुजरख, अनवान, उतरवां आदि क्षेत्रों में कराई गई है।