650 पीआरडी जवानों की नौकरी पर संकट
नोट- खबर में युवा कल्याण विभाग के अधिकारी का वर्जन आएगा। -------------------- ----------
नोट- खबर में युवा कल्याण विभाग के अधिकारी का वर्जन आएगा।
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जागरण संवाददाता, बांदा : परेशानियों से जूझ रहे जिले के प्रांतीय रक्षक दल (पीआरडी) जवानों के समक्ष अपने नौकरी बचाने का संकट खड़ा हो गया है। युवा कल्याण विभाग में तैनात करीब 650 जवानों का रिकॉर्ड ही दफ्तर से गायब है। अब ड्यूटी पाने के लिए इन जवानों से प्रमाणपत्र मांगे जा रहे हैं। दशकों पुराने होने से ये भी खो चुके हैं। तबादले के छह माह बाद भी जिला युवा कल्याण अधिकारी और प्रधान लिपिक ने नए अधिकारी व कर्मचारी को ऑफिस का चार्ज नहीं सौंपा है।
विभाग में मौजूद सूची और रिकॉर्ड के हिसाब से ही पीआरडी के जवानों की ड्यूटी लगती है। विभिन्न स्थानों पर ड्यूटी कर रहे करीब 200 जवानों की तिमाही ड्यूटी पूरी हो गई है। अब रोस्टर के तहत नए जवानों की ड्यूटी लगाई जानी है, लेकिन दफ्तर में कोई रिकॉर्ड न होने संकट खड़ा हो गया है। बाबू और अधिकारी अब किसकी ड्यूटी लगाएं और कैसे मानें कि कौन पीआरडी का जवान है या नहीं। अब सभी जवानों से प्रमाणपत्र मांगे गए हैं। 28 साल पुराने के होने के कारण अधिकांश के प्रमाण खो चुके हैं या फट गए हैं। अब नौकरी बचाने के लिए जवानों को तरह-तरह के पापड़ बेलने पड़ रहे हैं।
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जवानों का दर्द
20 साल से पीआरडी की नौकरी में हैं। अब इसे बचाने के लिए पसीने बहाने पड़ रहे हैं। विभाग और मेरे पास कोई साक्ष्य न होने से दिक्कत हो रही है।
-राममूरत
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-ड्यूटी न मिलने से घर में भुखमरी की स्थिति है। प्रमाणपत्र खो गया है, वह अपने आप को कैसे साबित करें कि वह पीआरडी जवान है।
-शांतनु
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अधिकारियों की लापरवाही का नतीजा जवानों को भुगतना पड़ रहा है। तमाम पीआरडी जवानों के लिए ड्यूटी के लाले हैं। ड्यूटी है तो दफ्तर से सूची गायब है।
-गो¨वद
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सरकार सब विभागों पर मेहरबान है, लेकिन पीआरडी जवानों सुनने वाला कोई नहीं है। खासकर महिलाएं ड्यूटी को तरस रही हैं। अब प्रमाणपत्र का संकट है।
-गायत्री
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अभी हाल में उन्होंने यहां चार्ज लिया है। इस संबंध में वह जल्द ही पता कराएंगे कि पूर्व युवा कल्याण अधिकारी ने चार्ज क्यों नहीं दिया और प्रमाणपत्र में क्या दिक्कतें आ रही हैं। व्यवस्था में शीघ्र सुधार होगा।
-हीरालाल, डीएम