50 लाख से होगी विकास भवन की मरम्मत
जागरण संवाददाता, बांदा : जिलाधिकारी सरकारी दफ्तरों को माडल बनाने की कोशिश में जुटे है
जागरण संवाददाता, बांदा : जिलाधिकारी सरकारी दफ्तरों को माडल बनाने की कोशिश में जुटे हैं। इसी कड़ी में विकास भवन भी शामिल हैं। पिछले दिनों निरीक्षण में टूटी खिड़कियां और चहारदीवारी व गंदे शौचालयों को देख कड़ी नाराजगी जाहिर की थी। जिला विकास अधिकारी ने डीएम के निर्देश पर विकास भवन की बदहाली दूर करने के लिए कार्ययोजना बनाई है। 50 लाख रुपये की लागत से भवनों व बाउंड्रीवाल की मरम्मत होगी।
विकास भवन की बि¨ल्डग करीब डेढ़ दशक पहले बनवाई गई थी। तब से इसकी मरम्मत को लेकर अधिकारी बेपरवाह हैं। मौजूदा समय में विकास भवन की करीब डेढ़ हजार फिट लंबी चहारदीवारी टूटकर गिर चुकी है। ऐसे में अन्ना जानवर व अराजकतत्व किसी भी समय आ-जा रहे हैं। विकास भवन के दफ्तरों में भी कहीं खिड़कियां टूटी हैं तो कहीं सीसे गायब हैं। शौचालय तो करीब 10 बने हैं, पर अफसरों के प्रयोग होने वाले शौचालयों को छोड़ बाकी के हालात खराब हैं। ये निष्प्रयोज्य पड़े हैं। फरियाद लेकर आने वाले ग्रामीणों खासकर महिलाओं को जरूरत पड़ने पर शौचालयों की तलाश बाहर करना पड़ रहा है। डीएम हीरालाल ने पिछले दिनों निरीक्षण के समय मुख्य विकास अधिकारी को तत्काल व्यवस्था में सुधार कराने के निर्देश दिए थे। इस पर जिला विकास अधिकारी ज्ञानेंद्र कुमार त्रिवेदी ने विकास भवन के कायाकल्प के लिए 50 लाख का इस्टीमेट बनाया है। राजकीय निर्माण निगम को मरम्मत की जिम्मेदारी सौंपी है।
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-विकास भवन के मरम्मत के कार्यदायी संस्था ने एस्टीमेट बनाकर दे दिया है। जल्द ही मरम्मत आदि का कार्य शुरू कराया जाएगा। इससे भवन की तस्वीर बदल जाएंगे।
-ज्ञानेंद्र कुमार त्रिवेदी, डीडीओ