भीषण गर्मी में 20 हजार आबादी को पानी के लाले
भीषण गर्मी में जिले की पेयजल व्यवस्था पूरी तरह से पटरी से उतर गई है। शहर के कई मोहल्लों में टोटियों से पखवारे भर से टोटियों से पानी नहीं टपका। क्योटरा मोहल्लों में 20 हजार की आबादी बूंद-बूंद पानी को मोहताज है। जागरण टीम ने सोमवार को यहां पड़ताल की तो मोहल्लेवासियों ने अपनी व्यथा सुनाई। कहा कि जल संस्थान के अधिकारी न तो फोन उठाते हैं और न ही पेयजल समस्या दूर हो रही है। गर्मी में पानी की खपत ज्यादा होती है।
जागरण संवाददाता, बांदा : भीषण गर्मी में जिले की पेयजल व्यवस्था पूरी तरह से पटरी से उतर गई है। शहर के कई मोहल्लों में टोटियों से पखवारे भर से पानी नहीं टपका। क्योटरा मोहल्लों में 20 हजार की आबादी बूंद-बूंद पानी को मोहताज है। जागरण टीम ने सोमवार को यहां पड़ताल की तो मोहल्लेवासियों ने अपनी व्यथा सुनाई। कहा कि जल संस्थान के अधिकारी न तो फोन उठाते हैं और न ही पेयजल समस्या दूर हो रही है। गर्मी में पानी की खपत ज्यादा होती है। लेकिन यहां 15 दिन से पेयजल आपूर्ति नहीं हुई है। करीब एक किमी दूर लगे हैंडपंप से पानी लेकर प्यास बुझा रहे हैं। इस संबंध में जिलाधिकारी व मंडलायुक्त को भी ज्ञापन दिया गया, पर कोई नतीजा नहीं निकला। जल संस्थान के अधिकारी उपभोक्ताओं का फोन नहीं उठाते हैं। जबकि बिल जमा करने के लिए अनावश्यक दबाव बनाते हैं।
बोले मोहल्लेवासी
मोहल्ले में 15 दिन से पानी नहीं आया। हैंडपंप से दो-चार बाल्टी पानी लाकर काम चलाना पड़ रहा है। बिना पानी बच्चों ने कई दिन से नहाया तक नहीं है। अधिकारी सुनने को तैयार नहीं हैं। -रामरूप शिवहरे
भूरागढ़ से पेयजल आपूर्ति की जाती है। पाइप लाइन क्षतिग्रस्त होने से यहां पानी नहीं आता। अधिकारी दुरुस्त नहीं करा रहे हैं। एक्सईएन कभी फोन नहीं उठाते। -सुरेंद्र सिंह
बिना पानी के बहुत परेशानी है। कई दिनों से कपड़े धोने व नहाने को लाले पड़े हैं। हर सुबह टोटियों के सामने बाल्टी लेकर इंतजार करते हैं, पर पानी नहीं आता है। -सुनीता शर्मा
गर्मी में पेयजल को लेकर अधिकारियों के दावे विफल हैं। पेयजल संकट से जूझ रहे परिवारों की कोई सुनने वाला नहीं हैं। मजबूरी में लॉकडाउन में घरों में फंसे हैं।
-आरती शर्मा
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बिजली आपूर्ति नियमित न होने से टंकियां नहीं भर पा रही हैं। इसलिए कुछ इलाकों में पेयजल संकट हैं। उपभोक्ताओं की मांग पर टैंकर से पेयजल की आपूर्ति की जा रही है।
-वीरेंद्र श्रीवास्तव, एक्सईएन, जल संस्थान, बांदा