रोजगार से सशक्त बनेंगी महिलाएं, गांव में मिलेंगी बैंकिग सेवाएं
687 महिलाएं खोलेंगी ग्राहक सेवा केंद्र प्रशिक्षण व प्रोत्साहन दे रही सरकार
बलरामपुर : लॉकडाउन के दौरान लोगों के लिए उम्मीद साबित हुई 'बैंक ग्राहक सेवा केंद्रों' की व्यवस्था प्रशासन को जंच गई है। अब हर ग्राम पंचायत में एक ग्राहक सेवा केंद्र खोलने की तैयारी चल रही है, जहां तैनात महिला बैंक ग्राहक प्रतिनिधि आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को वित्तीय सेवाएं उपलब्ध कराएंगी। अब तक 230 प्रतिनिधि नियुक्त हैं और इनकी संख्या 900 से अधिक होने जा रही है, जो गांवों में लोगों को बैंकिग सेवाएं उपलब्ध कराएंगी।
'एक ग्राम पंचायत एक बैंक सेवा केंद्र' (वनजीपी-वन बीसी) के तहत नियुक्त महिला बैंक प्रतिनिधियों को इंडियन बैंक स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान में प्रशिक्षित किया जा रहा है। प्रशिक्षण में बैंकिग के टिप्स सिखाने के साथ उन्हें प्रोत्साहित करने के लिए बैंकों से मिलने वाले कमीशन के अतिरिक्त छह माह तक चार हजार रुपये मानदेय भी दिया जाएगा। इससे बेरोजगार महिलाएं न सिर्फ आत्मनिर्भर होंगी, बल्कि गांव के लोगों को बैंकिंग के लिए लंबी कतार नहीं लगानी पड़ेगी।
बैंकों पर कम होगा बोझ :
- जिले में बैंकिंग व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त बनाने के लिए 687 महिला ग्राहक प्रतिनिधियों की नियुक्ति होनी है। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तत्वावधान में निशुल्क प्रशिक्षण दिया जा रहा है। चार बैच में प्रशिक्षण हो चुका है। प्रशिक्षणार्थियों को उपायुक्त सूबेदार सिंह यादव ने प्रमाणपत्र बांटे। कार्यक्रम समन्वयक इंद्रेश कुमार पटेल ने बताया कि 130 महिलाओं को प्रशिक्षण पा चुकी हैं। 83 महिलाएं उत्तीर्ण हुईं हैं। गैंसड़ी के बेलहसा गांव निवासिनी सुनीता यादव ने बताया कि अब तक बैंकिग के लिए दो किलोमीटर दूर जाना पड़ता था, लेकिन अब यह परेशानी खत्म हो जाएगी।
पहले होगा पुलिस सत्यापन :
- इंडियन बैंक स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान के निदेशक मोहम्मद आरिश ने बताया कि 687 बैंक ग्राहक सेवा खोलने के लिए समूहों के विभिन्न लोगों को प्रशिक्षित किया जा रहा है। प्रशिक्षण पा चुकी महिलाओं को पुलिस सत्यापन के बाद ही बैंक ग्राहक सेवा केंद्र के संचालन का जिम्मा दिया जाएगा।