यातायात नियमों का उल्लंघन..तो खतरे में जीवन
छोड़िए जल्दबाजी का चक्कर ताकि सुरक्षित रहे आपका सफर
बलरामपुर : 'यातायात नियम मान या दे दे अपनी जान', 'दुर्घटना से देरी भली', 'गति की अपेक्षा, पहले सुरक्षा' यह स्लोगन यूं तो जगह-जगह बैनर पोस्टर व दीवारों पर लिखे दिखाई पड़ते हैं, लेकिन इस पर अमल बहुत कम ही लोग करते हैं। यही नहीं यातायात माह के दौरान पुलिस भी आमजन को नियमों का पाठ पढ़ाने के लिए रैली, गोष्ठी आयोजित कर खूब फोटोग्राफी कराती है। बाद में खुद भूल जाती है। इससे नतीजा ढाक के तीन पात जैसा रहता है। वजह, आमजन यातायात नियमों का उल्लंघन करने से बाज नहीं आते हैं। दोपहिया वाहन चालक हेलमेट व चारपहिया वाले सीट बेल्ट लगाना बोझ समझते हैं, जो अक्सर अनहोनी का कारण बन जाता है। निर्धारित गति सीमा से ऊपर दौड़ते ओवरलोड वाहन, रिफ्लेक्टर का अभाव, संकेतकों की पहचान न होना व नशे में वाहन चलाने की आदत पल भर में जिदगी निगल लेती है। यही वजह है कि सड़क हादसों का ग्राफ कम होने का नाम नहीं ले रहा है।
अब तक 114 दुर्घटनाएं, 81 ने खोई जिदगी
-वर्ष 2020 में हुए हादसों पर गौर करें तो 114 मार्ग दुर्घटनाओं में 81 लोगों को जान से हाथ धोना पड़ा। साथ ही 70 लोग घायल हुए हैं। इनमें कुछ तो विकलांग हो गए जबकि कुछ के इलाज में घर परिवार तबाह हो गया। इन दुर्घटनाओं के कारणों पर नजर डालें तो अधिकांश दुर्घटनाएं जल्दबाजी, नियम तोड़ने व ओवरस्पीड से वाहन नियंत्रित न कर पाने के कारण हुई हैं। ये तो वो आंकड़े हैं जिनका ब्यौरा यातायात विभाग के पास है। सैकड़ों लोग ऐसे भी हैं जिनका विवरण किसी के पास नहीं है, लेकिन मार्ग दुर्घटनाओं ने उन्हें जीवन भर के लिए गहरा जख्म दिया है।
38413 लोगों का हुआ चालान:
यातायात प्रभारी वीरेंद्र कुमार ने बताया कि यातायात नियम उल्लंघन पर अब तक 38413 लोगों का चालान कर उनसे 39466700 रुपये जुर्माना वसूला गया है। अधिकांश दुर्घटनाएं जल्दबाजी के कारण होती है। इसलिए वाहन चलाते समय धैर्य बनाए रखें। यातायात नियमों को पालन करें।