लबालब हुए तालाब, बेजुबानों की बुझ रही प्यास
झारखंडी तालाब व दुखहरण नाथ पोखरा का सुंदरीकरण तेज 401 तालाबों का हुआ निर्माण
बलरामपुर : गर्मी आते ही पेयजल का संकट पैदा हो जाता है। इससे उबरने के लिए जिले में बड़े पैमाने पर तालाब व पोखरों का सुंदरीकरण कराया गया है, ताकि धरती की प्यास बुझाने के लिए बारिश की हर बूंद को सहेजा जा सके। इससे भूजल स्तर को वापस पाने सहित तालाब के रूप में अपनी अमूल्य धरोहर को भी संरक्षित किया जा रहा है।
नगर स्थित झारखंडी तालाब को अटल सरोवर, उतरौला नगर स्थित दु:खहरण नाथ मंदिर के प्राचीन पोखरे को पिकनिक स्पाट का रूप देने की कवायद तेज कर दी गई है। वहीं मनरेगा के तहत जिले में 401 तालाब बनवाए गए हैं। जिले भर में दो सौ से अधिक तालाब व पोखर जल संरक्षण की मिसाल बने हुए हैं। झारखंडी तालाब की संवरेगी सूरत :
-नगर में विभिन्न धार्मिक अवसरों का साक्षी बनने वाले प्राचीन झारखंडी मंदिर तालाब के कायाकल्प की कवायद तेज हो गई है। तत्कालीन राज्यपाल राम नाईक ने नगरीय झील, तालाब, पोखर संरक्षण योजना के तहत झारखंडी मंदिर तालाब के कायाकल्प के लिए 29.93 लाख रुपये की वित्तीय स्वीकृति प्रदान की है। पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी की कर्मस्थली व गंगा-जमुनी तहजीब की मिसाल बने इस तालाब का नाम अटल सरोवर रखा जाएगा। यहां डिस्प्ले बोर्ड पर कार्यदायी संस्था के नाम सहित कार्यो पर व्यय होने वाली धनराशि के विवरण का डिस्प्ले बोर्ड भी लगेगा। इसके कार्यो के गुणवत्ता की जिम्मेदारी नगर पालिका परिषद को दी गई है। पिकनिक स्पाट बनेगा पोखरा :
-उतरौला नगर स्थित दु:खहरण नाथ मंदिर का प्राचीन पोखरा जल संरक्षण की मिसाल होने के साथ ही पशु-पक्षियों के लिए वरदान साबित हो रहा है। नगर पालिका नियमित रूप से पोखरे में पानी भरवाने की व्यवस्था करता है। यही वजह है कि पोखरे में हमेशा पानी भरा रहता है। पोखरे के दक्षिण तरफ जानवरों के उतरने के लिए घाट बना है। जबकि पूरब, पश्चिम व उत्तर तरफ बनी पक्की सीढि़यों से लोग पोखरे में उतर कर स्नान करते हैं। तालाब का सुंदरीकरण कराने के लिए नगर पालिका परिषद को विधायक निधि से दो करोड़ रुपये मिले हैं। जिससे इस पोखरे को पिकनिक स्पाट के रूप में विकसित करने की कवायद तेज कर दी गई है।
401 तालाबों का चल रहा निर्माण :
- जिले में मनरेगा के तहत चालू वित्तीय वर्ष में 401 तालाबों का निर्माण व सुंदरीकरण चल रहा है। 234 तालाबों का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। अवशेष 167 तालाब पर काम चल रहा है। डीसी मनरेगा महेंद्र देव का कहना है कि अधिकांश तालाब पूर्ण हो चुके हैं।