Move to Jagran APP

रोडवेज जैसे निजी वाहन भर रहे फर्राटा, निगम को हो रहा घाटा

संवादसूत्र बलरामपुर जिले में रोडवेज की तर्ज पर निजी वाहनों का संचालन हो रहा है। रोडवेज के ही इर्द गिर्द मंडराने वाली ये बसें न केवल बिल्कुल रोडवेज जैसी दिखती है बल्कि उप्र परिवहन निगम की तर्ज पर ही परिवहन लिखी इन बसों को पहचानने में अक्सर यात्री चूक जाते हैं। जब उन्हें रुपये देकर टिकट नहीं मिलता है तब अपनी गलती का एहसास होता है लेकिन तब तक देर हो चुकी होती है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 11 Nov 2019 09:50 PM (IST)Updated: Tue, 12 Nov 2019 06:25 AM (IST)
रोडवेज जैसे निजी वाहन भर रहे फर्राटा, निगम को हो रहा घाटा
रोडवेज जैसे निजी वाहन भर रहे फर्राटा, निगम को हो रहा घाटा

बलरामपुर : जिले में रोडवेज की तर्ज पर निजी वाहनों का संचालन हो रहा है। रोडवेज के ही इर्द गिर्द मंडराने वाली ये बसें न केवल बिल्कुल रोडवेज जैसी दिखती है, बल्कि उप्र परिवहन निगम की तर्ज पर ही परिवहन लिखी इन बसों को पहचानने में अक्सर यात्री चूक जाते हैं। जब उन्हें रुपये देकर टिकट नहीं मिलता है, तब अपनी गलती का एहसास होता है, लेकिन तब तक देर हो चुकी होती है।

loksabha election banner

दबंगई के आगे चुप अधिकारी : नियम है कि उप्र परिवहन निगम के बस स्टॉप के निकट निजी वाहनों का संचालन नहीं होना चाहिए। साथ ही उनके जैसी रंग व स्लोगन भी नहीं लिखा होना चाहिए, लेकिन निजी वाहनों के संचालकों की दबंगई के आगे परिवहन निगम के अधिकारी चुप हैं। डिपो के सामने ही सरकारी बसों की सवारी को गंतव्य तक जल्दी पहुंचाने का लालच देकर रोडवेज जैसी दिखने वाली बसों को दौड़ाते हैं। यहीं नहीं टैक्सी संचालक भी डिपो के पास से ही सवारियां बैठाते हैं।

काफी दिनों से नहीं चला अभियान : रोडवेज डिपो के पास से निजी बसों का संचालन रोकने के लिए समय-समय पर एआरटीओ व परिवहन निगम की तरफ से संयुक्त रूप से अभियान चलाया जाना चाहिए। काफी दिनों से कोई अभियान नहीं चला है, जिसका खामियाजा यात्रियों को भुगतना पड़ रहा है।

रोडवेज को हो रही लाखों की क्षति : उप्र परिवहन निगम के सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक विश्राम का कहना है कि डिपो के इर्द-गिर्द परिवहन निगम जैसी दिखने वाली निजी बसें संचालित होने के कारण रोडवेज को लाखों रुपये की क्षति हो रही है। यही नहीं, अक्सर निजी बसों के संचालक रोडवेज कर्मियों से भी सवारी बैठाने को लेकर उलझ जाते हैं। विवाद न हो इस लिए रोडवेज कर्मी चुप हैं। उच्चाधिकारियों को पत्र लिखकर समस्या से अवगत कराया जाएगा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.