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तालाब को सुंदरीकरण की दरकार, ताकि पानी को न भटकें बेजुबान

तालाब की खूबसूरती में चार चांद लगाने वाले पेड़ व चबूतरों का वजूद खत्म होता जा रहा है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 19 Apr 2021 10:46 PM (IST)Updated: Mon, 19 Apr 2021 10:46 PM (IST)
तालाब को सुंदरीकरण की दरकार, ताकि पानी को न भटकें बेजुबान
तालाब को सुंदरीकरण की दरकार, ताकि पानी को न भटकें बेजुबान

बलरामपुर : क्षेत्र के मुजहनी गांव में कभी जल संरक्षण की मिसाल कहा जाने वाला तालाब बदहाली के दौर से गुजर रहा है। तालाब की खूबसूरती में चार चांद लगाने वाले पेड़ व चबूतरों का वजूद खत्म होता जा रहा है। वहीं, जिम्मेदार अधिकारियों के दिलचस्पी न लेने से तालाब का पानी भी सूखने की कगार पर है। ऐसे में भीषण गर्मी में बेसहारा बेजुबानों को पेयजल की समस्या का सामना करना पड़ रहा है। समय रहते तालाब को नहीं सहेजा गया, तो वह दिन दूर नहीं जब यह मैदान में तब्दील हो जाएगा।

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गर्मी शुरू होते ही पशु-पक्षियों के सामने पेयजल का संकट उत्पन्न हो जाता है। ऐसे में बारिश के पानी को सहेजने वाले तालाब ही बेजुबानों के लिए संजीवनी का काम करते हैं। मुजहनी गांव में बना तालाब बारिश में तो लबालब हो जाता है, लेकिन गर्मी आते ही इसका पानी सूख जाता है।

वजह, तालाब का सुंदरीकरण कराकर इसके जल को संरक्षित नहीं किया जा रहा है। अधिकारियों से गोहार लगाने के बाद भी कोई नतीजा न निकलने पर अब ग्रामीणों को बारिश का इंतजार है। मुकेश कुमार का कहना है कि करीब दस साल पहले जब तालाब का निर्माण हुआ था, तो इसकी सुंदरता देखते ही बनती थी। तालाब के चारों तरफ पेड़ लगे होने से हरियाली का वातावरण लोगों को आकर्षित करता था। रखरखाव के अभाव में तालाब बदहाल होता चला गया। अशफाक उल्ला का कहना है कि दूसरे गांवों में तालाबों को भरवाया गया, लेकिन यहां का तालाब उपेक्षा का शिकार है। तालाब में पानी भर जाता, तो पशु-पक्षियों को भटकना नहीं पड़ता। अपर जिलाधिकारी अरुण कुमार शुक्ल का कहना है कि तालाब का सुंदरीकरण कराने के लिए संबंधित को निर्देश दिए जाएंगे।


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