चहुंओर नवरात्र का उत्साह, मूर्तियों को संवार रहे कलाकार
बलरामपुर : दस अक्टूबर से शुरू हो रहे शारदीय नवरात्र को लेकर पूजा समितियों व पंडाल आयो
बलरामपुर : दस अक्टूबर से शुरू हो रहे शारदीय नवरात्र को लेकर पूजा समितियों व पंडाल आयोजकों में उत्साह है। नगर व ग्रामीण क्षेत्रों में कलाकार दुर्गा प्रतिमाओं को अंतिम रूप देने में जुटे हैं।
ललिया संवादसूत्र के अनुसार कुर्मीपुरवा निवासी काशीराम यादव व उसके पुत्र राजेश मां दुर्गा की प्रतिमाओं को भव्यता प्रदान करने में लगे हैं। बाया कि क्षेत्र के पूजा पंडालों में स्थापना के लिए 22 मूर्तियां बनाई हैं। काशीराम ने बताया कि मूर्ति बनाना किसी से सीखा नहीं है। मां दुर्गा के आशीर्वाद से मैं बचपन में मिट्टी के खिलौने व मूर्तियां बनाया करता था। धीरे-धीरे भगवान की मूर्तियां बनाने लगा। फिर इसी कार्य को रोजगार का साधन बना लिया।
कोलकाता से आया श्रृंगार का सामान : गैंसड़ी क्षेत्र में 67 स्थानों पर दुर्गा प्रतिमाओं की स्थापना की जाएगी। शिल्पकार प्रतिमाओं को अंतिम रूप देने में जुटे हैं। दुर्गा प्रतिमाओं के श्रृंगार का सामान कोलकाता से लाया गया है। धार्मिक महत्व के कारण कोलकाता की मिट्टी से देवी दुर्गा के स्वरूप को भव्य बनाया जा रहा है। बंगाली कलाकार सनतपाल, सुजयपाल, पांचू, सागर, प्रभाती व प्रार्थना पाल का परिवार यहां देवी प्रतिवर्ष देवी प्रतिमाएं बनाने आता है। सनतपाल ने बताया कि मई में आकर मूर्ति बनाने का कार्य शुरू कर देते हैं। छह माह रुककर विभिन्न उत्सवों के लिए मूर्ति बनाई जाती है। श्रृंगार के लिए मूर्ति का बाल, ताज, कपड़ा, बंगला मुकुट व चेहरे की मिट्टी गंगा तट कोलकाता से लाई जाती है।
दुर्गा पूजा समिति की बैठक
गैंसड़ी : बाजार में तीन प्रतिमाएं स्थापित की जाती हैं। दुर्गा पूजा समिति के अध्यक्ष नंद किशोर जायसवाल, सुरेश कुमार सोनी, अमित गुप्ता कमलेश जायसवाल ने बिस्कोहर मार्ग पर बैठक कर आयोजन की रूपरेखा तय की। सुरेश सोनी ने बताया कि पंडाल की सजावट व भक्तिपूर्ण कार्यक्रम की तैयारी चल रही है। ¨प्रस वर्मा, दीपक जायसवाल, माता प्रसाद ने नवरात्र में निर्बाध बिजली आपूर्ति की मांग की।