बेटियों को बलवान बना रहीं मुन्नू
तुलसीपुर (बलरामपुर): क्षेत्र में नारी सशक्तिकरण के लिए अपना योगदान दे रही मुन्नू तिवारी को अब लोग तुलसीपुर की मदर टैरेसा कहते हैं। महिलाओं पर कहीं भी अत्याचार हो रहा हो या वह समस्याओं से घिरी हो। उन्हें न्याय दिलाने के लिए भरसक प्रयास करती है। उन्हें यह प्रेरणा वर्ष 2012 में एक महिला के साथ हुए अत्याचार के बाद मिली। इसमें वह महिला अपने पति के अत्याचार से इतनी पीड़ित हो चुकी थी कि वह आत्महत्या करने जा रही थी। लेकिन इसी बीच
बलरामपुर : तुलसीपुर के एक निजी विद्यालय में प्रधानाचार्य पद पर कार्यरत मुन्नू तिवारी उत्पीड़न की शिकार महिलाओं को न्याय दिलाने में अपनी अहम भूमिका निभा रहीं हैं। साथ ही बालिकाओं को सशक्त बनाने के लिए शिक्षा के साथ आत्मरक्षा का भी पाठ पढ़ा रहीं हैं। विद्यालय में पढ़ने वाली बेटियों को जूडो-कराटे का प्रशिक्षण दिलाकर उनको बलवान बना रहीं हैं। अब तक 90 छात्राओं को ताइक्वांडो में दक्ष बना चुकीं हैं। इस कार्य के लिए उनको एक संस्था ने सम्मानित भी किया है। यही नहीं, आधी आबादी को उनका अधिकार दिलाने के लिए उनकी मदद भी करतीं हैं। सरकारी योजनाओं का लाभ व अधिकार दिलाने के लिए उनके साथ संघर्ष करतीं है। महिलाओं को उनकी गरिमा का अधिकार दिलाने की मुहिम में पारिवारिक बंदिशें रोड़ा न बनें, इसके लिए उन्होंने शादी भी नहीं की। एक घटना से मिली प्रेरणा :
-मुन्नू तिवारी बतातीं हैं कि महिलाओं पर होने वाले अत्याचार के खिलाफ लड़ने की प्रेरणा उन्हें एक घटना से मिली। बताया कि वर्ष 2012 में घरेलू ¨हसा से पीड़ित एक महिला आत्महत्या करने जा रही थी। उसकी आपबीती सुनकर उसे न्याय दिलाने का बीड़ा उठा लिया। इसके लिए उन्होंने थाना, न्यायालय व सरकारी कार्यालयों में पैरवी कर एड़ी-चोटी का जोर लगा दिया। अथक प्रयास से महिला को न्याय मिला। तबसे महिलाओं को न्याय दिलाना ही ¨जदगी का मकसद बना लिया। बताया कि परास्नातक करने के बाद परिवार वालों ने शादी करने को कहा, लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया। ताकि उनकी मुहिम में परिवारिक बंधन आड़े न आए। अब तक 20 महिलाओं को वह न्याय दिला चुकी हैं।