ऐसे तो नौनिहालों को मिलने से रहा स्वेटर
बलरामपुर: जिले के परिषदीय स्कूलों के 217826 नौनिहालों को स्वेटर उपलब्ध कराने के लिए बेसिक
बलरामपुर: जिले के परिषदीय स्कूलों के 217826 नौनिहालों को स्वेटर उपलब्ध कराने के लिए बेसिक शिक्षा महकमे को सवा तीन करोड़ रुपये की पहली किश्त मिल चुकी है। यह बजट अब तक विद्यालय प्रबंध समितियों के खातों में नहीं पहुंचा। स्कूलों में शीतकालीन अवकाश की तिथियां बढ़ती जा रही हैं। ऐसे में नौनिहालों को स्वेटर मुहैया कराना समितियों के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है।
जिले के 1575 प्राथमिक विद्यालयों में 178136 व 646 जूनियर हाईस्कूलों में 39690 बच्चे पंजीकृत हैं। नौनिहालों को विद्यालय प्रबंध समितियों के माध्यम से स्वेटर उपलब्ध कराने का फरमान सरकार ने जारी किया है। इसके लिए 200 रुपये प्रति स्वेटर की दर से जिले को 43565200 रुपये का बजट मिलना है। जिसमें 32673900 रुपये की पहली किश्त विभाग को मिल चुकी है। बजट मिलने के बावजूद विभाग अब तक एसएमसी के खातों में धनराशि नहीं भेज सका है। कंपकंपाती ठंड में नौनिहाल स्वेटर मिलने की राह देख रहे हैं। बीएसए रमेश यादव का कहना है कि जिलाधिकारी के साथ बैठक हुई है। एक-दो दिन में विद्यालयों के खातों में धनराशि भेज दी जाएगी।
शिक्षक संघों ने किया विरोध
-नौनिहालों को एसएमसी के माध्यम से स्वेटर वितरण किए जाने के फरमान का शिक्षक संघों ने विरोध किया है। उप्र प्राथमिक शिक्षक संघ, विशिष्ट बीटीसी शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन व उप्र जूनियर हाईस्कूल शिक्षक ने स्वेटर वितरण कार्य से शिक्षकों को मुक्त रखने के लिए अपर मुख्य सचिव, मुख्यमंत्री व जिलाधिकारी को ज्ञापन भेजा है।
ठंड के साथ बढ़ रही चुनौती
-गलन भरी ठंड बढ़ने के साथ ही नौनिहालों को स्वेटर पहनाने की चुनौती भी बढ़ती जा रही है। एसएमसी खातों में अब तक धनराशि नहीं पहुंची। वहीं इतनी बड़ी संख्या में मेरून रंग का स्वेटर उपलब्ध कराने के लिए जिले में कोई दुकान नहीं है। विभाग के एक अधिकारी के मुताबिक बाहरी राज्यों में थोक में स्वेटर बनाने का कार्य नवंबर में होता है। दिसंबर तक स्वेटर बाजारों में आ जाते हैं। जनवरी के दस दिन बीतने को हैं। ऐसे में बच्चों को ठंड बीतने के पहले स्वेटर दे पाना संभव नहीं है।