विशेष सीमेन से गोमैया पैदा करेंगी बछिया
बछड़ों की नहीं बढ़ेगी फौज पशुपालन के प्रति बढ़ेगी रुचि
बलरामपुर : गरीबी से जूझ रहे पशुपालकों की स्थिति सुधारने के लिए एक और नई पहल होने जा रही है। अब तक पशुपालकों को नहीं पता होता था कि उनकी गाय बछड़े को जन्म देगी या बछिया को। यही नहीं, बछड़ा पैदा होने पर पशुपालकों की परेशानी भी बढ़ जाती थी। न चाहते हुए भी बछड़े को इधर-उधर छोड़ने को विवश होते थे, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा।
पशुपालन में रुचि लाने व बेसहारा पशुओं से परेशान पशुपालन विभाग ने अब नई तकनीक ईजाद की है। इसमें विशेष सीमेन के जरिए गाय से पैदा होने वाली संतान को लेकर असमंजस की स्थिति नहीं रहेगी। कारण, इसमें पशुपालक को पहले ही पता रहेगा कि उनकी गाय बछिया ही पैदा करेगी। इसके लिए केवल बछिया पैदा करने वाली शाहीवाल गाय के विशेष सीमेन की व्यवस्था की गई है जो मामूली लेबी शुल्क पर उपलब्ध है। तहसील स्तर के अस्पतालों में 30, ब्लॉक स्तर के अस्पतालों में 15 व राज्य स्तरीय पशु अस्पतालों में 10 गाय को लगने वाली विशेष सीमेन की व्यवस्था है। सदर ब्लॉक के उप मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. सुरेंद्र कुमार ने बताया कि शाहीवाल गाय के विशेष सीमेन से 98 प्रतिशत बछिया पैदा होने की संभावना रहती है।
500 गांवों में मुफ्त होगा कृत्रिम गर्भाधान :
पशुपालन के प्रति रुचि लाने के लिए राष्ट्रीय गोकुल मिशन के तहत दूसरे चरण में जिले के 500 गांव लिए गए हैं। इन गांवों में दूधारू पशुओं के पालन पर जोर दिया जाएगा। यहां के पशुपालकों को निश्शुल्क कृत्रिम गर्भाधान की सुविधा मिलेगी। साथ ही पशुओं को बीमारी से बचाने के लिए पैरावेट कर्मी नियुक्त किए जाएंगे। ये कर्मी घर-घर जाकर लोगों को न केवल पशु पालने के लिए प्रेरित करेंगे। बल्कि पशुओं के बीमार होने पर क्षेत्र के पशु चिकित्सक से परामर्श लेकर दवाएं भी देंगे।
मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ. अजय कुमार सिंह ने बताया कि हर ब्लॉक में 56 गांव राष्ट्रीय गोकुल मिशन के लिए चयनित किए गए हैं जहां टीकाकरण व कृत्रिम गर्भाधान समेत अन्य सेवाएं बेहतर दी जाएंगी।