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रंगीन शिमला मिर्च की खेती कर किसानों दिखाई नईं राह

-उमेश सिंह ने बताया कि सर्व यूपी ग्रामीण बैंक मेरठ में प्रबंधक के पद पर तैनात थे। वहां के किसानों की खेती देखी थी। 2016 में रिटायर होने के बाद उन्होंने आधुनिक खेती करने की ठानी। उन्होंने राष्ट्रीय कृत विकास योजना अनुदानित संरक्षित खेती कार्यक्रम के तहत सिरसिया में 201

By JagranEdited By: Published: Sat, 14 Dec 2019 10:17 PM (IST)Updated: Sun, 15 Dec 2019 06:10 AM (IST)
रंगीन शिमला मिर्च की खेती कर किसानों दिखाई नईं राह
रंगीन शिमला मिर्च की खेती कर किसानों दिखाई नईं राह

त्रिपुरारी शंकर तिवारी, बलरामपुर

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जिले के किसान उमेश सिंह पॉली हाउस की वृहद खेती से किसानों के लिए नजीर बन गए हैं। हरैया सतघरवा ब्लॉक के गनवरिया गांव निवासी उमेश ने सिरसिया गांव स्थित फार्म में 2500 वर्ग मीटर में पॉली हाउस लगाया है। जिसमें वह पीले, हरे व लाल रंग के शिमला मिर्च व खीरे की खेती करने वाले जिले के पहले आधुनिक किसान बन गए हैं। जिनकी खेती देखने के लिए श्रावस्ती जिले समेत आसपास गांव के किसान यहां पहुंच रहे हैं।

रंगीन शिमला मिर्च के साथ खीरे की खेती : उमेश सिंह ने बताया कि सर्व यूपी ग्रामीण बैंक मेरठ में प्रबंधक के पद पर तैनात थे। वहां के किसानों की खेती देखी थी। 2016 में रिटायर होने के बाद उन्होंने आधुनिक खेती करने की ठानी। उन्होंने राष्ट्रीय कृत विकास योजना अनुदानित, संरक्षित खेती कार्यक्रम के तहत सिरसिया में 2018-19 में 2500 वर्ग मीटर में पॉलीहाउस से खेती की शुरूआत की। जिसमें सफलता नहीं मिल सकी। 2019-20 में उन्होंने विशेष रूप से पीले व लाल कलर शिमला मिर्च उगाने का फैसला किया। जिसका बीज पुणे से मंगाया। जिस पर 70 हजार रुपये लागत आई। पहली फसल नवंबर के मध्य में हुई। जिसमें उन्हें पांच क्विटल शिमला मिर्च की उपज मिली। शिमला मिर्चो के लिए 125 से 150 रुपये किलो की कीमत मिल रही है। अप्रैल तक 30 क्विंटल की उपज होना मान रहे हैं। इसके अतिरिक्त खीरा एक क्विटल प्रतिदिन निकल रहा है। जिसकी अप्रैल तक उपज होगी। खीरा व मिर्च पर मजदूरी व खर्चा निकालने के बाद ढाई से तीन लाख रुपये बचत होने का अनुमान लगा रहे हैं।

तीन मजदूरों को मिला रोजगार : पॉलीहाउस की देखरेख के लिए तीन मजदूरों को रोजगार मिल चुका है। इन्हें छह हजार रुपये प्रतिमाह मजदूरी दी जा रही है। अप्रैल से मजदूरों की संख्या और भी बढ़ जाएगी। कारण खेती का दायरा और भी बढ़ाने का लक्ष्य रखा जा चुका है।

मंडल में तीसरा पॉलीहाउस : जिला उद्यान अधिकारी एलबी मौर्य का कहना है कि मंडल में बलरामपुर तीसरा बड़ा पॉलीहाउस है। गोंडा व बहराइच में पहले से एक-एक पॉलीहाउस है। बलरामपुर का ऐसा पहला पॉलीहाउस है, जहां आधुनिक तरीके से सब्जी की खेती की जा रही है। जो दूसरे किसानों के लिए किसी नजीर से कम नहीं है।


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