शिवालयों में गूंजा बोल बम, झूमकर निकले कांवड़िये
कांवड़ में जल भर विभिन्न शिव मंदिरों में भोलेनाथ का अभिषेक किया। कांवड़ जुलूस का जगह-जगह स्वागत कर प्रसाद वितरित किया गया।
बलरामपुर : कजरी तीज पर भोलेनाथ के जलाभिषेक के लिए सोमवार को शिवमंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ जुटी। जिले भर में कांवड़ियों के जत्थे ने बोल बम का जयकारा लगाते हुए गाजे-बाजे के साथ जुलूस निकाला। कांवड़ में जल भर विभिन्न शिव मंदिरों में भोलेनाथ का अभिषेक किया। कांवड़ जुलूस का जगह-जगह स्वागत कर प्रसाद वितरित किया गया। नगर के झारखंडी मंदिर, धर्मपुर स्थित झारखंडेश्वर महादेव, हरिहरगंज के रेणुकानाथ, उतरौला के शिवगढ़ी, पिपलेश्वर महादेव, मौनीदास, पंचवटी मंदिर समेत ग्रामीण क्षेत्रों के शिवालयों पर जलाभिषेक करने वालों का तांता लगा रहा। दु:खहरणनाथ मंदिर पर धार्मिक अनुष्ठान व मुंडन संस्कार हुए। मेले में बच्चों ने झूले का आनंद लिया।
बैजनाथ सेवा ट्रस्ट के संस्थापक जनार्दन सेजरीवाल कजरी तीज के दिन राजापुर भरिया जंगल स्थित कल्पेश्वर नाथ शिव मंदिर पहुंचे। उन्होंने नगर में कांवड़ियों के स्वागत, चिकित्सीय व्यवस्था व प्रसाद वितरण समेत अन्य सुविधाओं का जायजा लिया। उधर श्रीश्री 108 शिव संकीर्तन समाज मंदिर के तत्वावधान में चौक बाजार में स्वागत द्वार बनाकर कांवड़ियों का अभिनंदन व प्रसाद वितरण किया गया। विजय गुप्त, रवींद्र गुप्त, समर जावेद, राजन गुप्त मौजूद रहे।
बैद्यनाथ कांवड़ संघ ने सोमवार को 34वीं विशाल पदयात्रा निकाली। राप्ती नदी के सिसई घाट से राजापुर भरिया जंगल स्थित कल्पेश्वर नाथ पहुंचकर जलाभिषेक किया। श्रीदत्तगंज बाजार स्थित सोमनाथ मंदिर से कांवड़ियों का जत्था डीजे के भक्तिगीतों पर झूमते-नाचते निकला। कल्पेश्वर नाथ मंदिर में कांवड़ियों ने जलाभिषेक किया। महंत जीतेंद्र बन ने कांवड़ भक्तों की पूजा कराई। राहुल, जायसवाल, राजेश, दीनदयाल, पीयूष मौजूद रहे। हरैया क्षेत्र के विभिन्न गांवों से कांवड़ियों का जत्था देर रात गुप्त काशी विभूतिनाथ के लिए रवाना हुए। अमरनाथ बर्फानी सेवा समिति शिवपुरा की ओर से शिवभक्तों को प्रसाद वितरित किया गया। तरुण तिवारी, अंबरीष पांडय, कौशल मौजूद रहे।
धर्मपुर स्थित झारखंडेश्वर महादेव मंदिर में क्रांतिकारी विचार मंच व आर्यवीर दल के तत्वावधान में निश्शुल्क चिकित्सा शिविर लगाया गया। आर्यवीर दल के जिलाध्यक्ष डॉ तुलसीश दुबे ने बताया कि सिसई घाट से जल लेकर कांवड़िये नंगे पैर चलते हैं। लंबी यात्रा में उनके पैर में छाले व चोट लग जाती है। बार-बार स्नान करते रहने से सर्दी- बुखार भी हो जाता है। प्राथमिक उपचार के लिए शिविर लगाया जाता है। डॉ. कुलदीप विश्वकर्मा व डॉ. प्रांजल त्रिपाठी मौजूद रहे।