शब-ए-बरात पर पुरखों के गुनाहों की खुदा से मांगी माफी
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बलरामपुर : शब-ए-बरात गुनाहों से निजात पाने की रात है। इस रात इबादत करने वालों पर अल्लाह की रहमत बरसती है। ऐसी मान्यता है कि एक साल के बीच में मरने व जन्म लेने वालों का लेखा जोखा तैयार कर अल्लाह अपने फरिश्तों को देता है।
यह बात मौलाना मोहम्मद शमीम अहमद कादरी ने शब-ए-बारात पर शनिवार की रात नगर के जामा मस्जिद में इबादत करने पहुंचे अकीदतमंदों से कही। कहाकि शब-ए-बरात के दिन मस्जिद व घरों में इबादत करने, कुरान व नमाज पढ़ने वालों की दुआ अल्लाह कुबूल करता है और उन पर अपनी रहमतों की बारिश करता है। अकीदतमंदों ने जामा मस्जिद सहित नगर के अन्य मस्जिदों में इबादत की। इसके बाद पूर्वजों की कब्र पर जाकर फातिहा पढ़ी। त्योहार पर लोगों ने लजीज पकवान तैयार कर रिश्तेदारों व दोस्तों को दावत दी। शब-ए-बारात के उपलक्ष्य में नगर पालिका प्रशासन की तरफ से सभी इबादतगाहों व कब्रिस्तान के आसपास विशेष साफ सफाई कराई गई। नगर पालिका अध्यक्ष किताबुन्निशा के प्रतिनिधि शाबान अली ने इबादतगाहों का भ्रमण कर व्यवस्था का जायजा लिया।
उतरौला संवादसूत्र के अनुसार शब-ए-बरात पर अकीदतमंदों ने पूरी रात जिक्र-ए-इलाही इबादत में गुजारी। गुनाह बख्शी की रात में लोगों ने अल्लाह से अपने व अपने पुरखों के गुनाहों की माफी मांगी। इस मौके पर मस्जिदों, दरगाहों व कब्रिस्तानों पर लोगों का तांता लगा रहा। पुरुषों ने मस्जिदों व महिलाओं ने घरों में अल्लाह की इबादत कर खुशहाली की दुआ मांगी। इससे पूर्व अल सुबह लोगों ने सेहरी खाकर अगले दिन का रोजा रखा। नगर के जामे अतुल गौसिया मस्जिद, रजा मस्जिद, नूरानी मस्जिद, चांद मस्जिद, नूरी मस्जिद, बशीर मस्जिद व शाह अरजानी शाह के दरगाह, मोटे शाह मजार समेत ग्रामीण इलाकों के महुआ बाजार, हासिम पारा, हुसैनाबाद, पेहर बाजार, बनकटवा, चमरूपुर, कपौवा शेरपुर के छोटी बड़ी मस्जिदों में गूंजती रही।