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बीत रहा साल, पगार न मिलने का मलाल

परिषदीय स्कूलों में नौनिहालों को सदाचार का पाठ पढ़ाने वाले गुरुजन खुद भ्रष्टाचार की मार से आहत हैं। चालू शैक्षिक सत्र बीतने में डेढ़ माह बचे हैं, लेकिन अब तक नवनियुक्त

By JagranEdited By: Published: Mon, 18 Feb 2019 09:49 PM (IST)Updated: Mon, 18 Feb 2019 09:49 PM (IST)
बीत रहा साल, पगार न मिलने का मलाल
बीत रहा साल, पगार न मिलने का मलाल

बलरामपुर :परिषदीय स्कूलों में नौनिहालों को सदाचार का पाठ पढ़ाने वाले गुरुजन खुद भ्रष्टाचार की मार से आहत हैं। चालू शैक्षिक सत्र बीतने में डेढ़ माह बचे हैं, लेकिन अब तक नवनियुक्त 817 शिक्षकों को पगार नहीं मिल सकी है। 68,500 शिक्षक भर्ती के दौरान नियुक्त हुए 87 अध्यापकों को वेतन भुगतान कर विभागीय अधिकारी अपनी पीठ थपथपा रहे हैं। ऐसे में छह माह से बिना वेतन न मिलने से गैर जनपद के शिक्षकों की दुश्वारी बढ़ गई है। सूत्र की मानें तो अभिलेखों के सत्यापन के नाम पर पांच से सात हजार रुपये की वसूली की जा रही है। वेतन उन्हीं शिक्षकों को मिला है, जिन्होंने अफसरों को खुश करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। सत्यापन पर उठे सवाल :

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-जिले में 68,500 भर्ती के तहत 904 शिक्षकों की नियुक्ति हुई है। इनमें 22 शिक्षामित्र शिक्षक बने हैं। गत माह वेतन भुगतान के लिए पहले 85 (22 शिक्षामित्र शामिल) शिक्षकों की सूची जारी हुई थी। इसके बाद विशेष कृपा पर दो अन्य शिक्षकों को भी सूची में शामिल कर लिया गया। जिससे सत्यापन पर सवाल खड़े हो गए हैं। वसूली की मार से आहत शिक्षक अपनी पीड़ा भी दबी जुबान बयां कर रहे हैं। एक शिक्षक ने बताया कि विरोध करने पर वेतन के लिए इंतजार बढ़ सकता है। बीएसए कार्यालय के पटल सहायक खावर फारुकी के मुताबिक शिक्षकों के अध्यापक पात्रता परीक्षा, स्नातक व बीटीसी के अभिलेखों का सत्यापन संबंधित विश्वविद्यालय एवं संस्थानों को भेजा जा चुका है। संपूर्ण सत्यापन के बाद वेतन भुगतान की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।

जिम्मेदार के बोल :

-बीएसए हरिहर प्रसाद का कहना है कि सत्यापन के नाम पर वसूली की शिकायत मिली है। जांच में शिकायत सत्य मिलने पर संबंधित के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।


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