घने कोहरे के बीच स्कूल गए नन्हे-मुन्ने
सुबह-शाम बदलते मौसम से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। सोमवार की सुबह घना कोहरा छाया रहा। जिससे वाहनों की रफ्तार सुस्त हो गई। बाइकसवार वाहनों की हेडलाइट जलाकर आवागमन करते दिखे। स्कूलों में अवकाश न होने से नन्हे-मुन्ने कोहरे के बीच ठिठुरते हुए स्कूल जाने को मजबूर दिखे। सुबह करीब नौ बजे गुनगुनी धूप निकलने के बाद लोगों ने राहत महसूस की। तापमान अधिकतम 24 डिग्री सेल्सियस व न्यूनतम दस डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया। शाम होते ही गलन बढ़ गई। जिससे सार्वजनिक स्थानों पर लोग अलाव का सहारा लेते नजर आए। गैंसड़ी संवादसूत्र के अनुसार सीमावर्ती क्षेत्र में सुबह-शाम बर्फीली हवाओं के चलने से ठिठुरन बढ़ गई है। इससे राहत दिलाने के लिए बाजार में अलाव जलाने की व्यवस्था नहीं की गई है। दूरदराज से आने वाले कारोबारी ठिठुरने को मजबूर हैं। जनप्रतिनिधियों व प्रशासन ने अब तक अलाव व जरूरतमंदों को कंबल वितरण की व्यवस्था नहीं की है।
बलरामपुर :सुबह-शाम बदलते मौसम से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। सोमवार की सुबह घना कोहरा छाया रहा। जिससे वाहनों की रफ्तार सुस्त हो गई। बाइकसवार वाहनों की हेडलाइट जलाकर आवागमन करते दिखे। स्कूलों में अवकाश न होने से नन्हे-मुन्ने कोहरे के बीच ठिठुरते हुए स्कूल जाने को मजबूर दिखे। सुबह करीब नौ बजे गुनगुनी धूप निकलने के बाद लोगों ने राहत महसूस की। तापमान अधिकतम 24 डिग्री सेल्सियस व न्यूनतम दस डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया। शाम होते ही गलन बढ़ गई। जिससे सार्वजनिक स्थानों पर लोग अलाव का सहारा लेते नजर आए। गैंसड़ी संवादसूत्र के अनुसार सीमावर्ती क्षेत्र में सुबह-शाम बर्फीली हवाओं के चलने से ठिठुरन बढ़ गई है। इससे राहत दिलाने के लिए बाजार में अलाव जलाने की व्यवस्था नहीं की गई है। दूरदराज से आने वाले कारोबारी ठिठुरने को मजबूर हैं। जनप्रतिनिधियों व प्रशासन ने अब तक अलाव व जरूरतमंदों को कंबल वितरण की व्यवस्था नहीं की है।