तकनीकी शिक्षा ने बदल दी विद्यालय की सूरत
बलरामपुर : रेहराबाजार शिक्षा क्षेत्र का पूर्व माध्यमिक विद्यालय सहजौरा परिषदीय स्कूलों के लिए
बलरामपुर : रेहराबाजार शिक्षा क्षेत्र का पूर्व माध्यमिक विद्यालय सहजौरा परिषदीय स्कूलों के लिए नजीर बना हुआ है। विद्यालय में जहां पहले बच्चों का अभाव रहता था, आज शिक्षकों की लगन से वहां छात्रों की संख्या 401 पहुंच गई है। उत्तम शिक्षण व्यवस्था के साथ विद्यालय के दीवारों पर की गई चित्रकारी निजी स्कूलों को भी मात दे रही है। विद्यालय की आधुनिक शिक्षा पद्धति से अभिभावकों का रुझान बढ़ रहा है। आलम यह है कि यहां बच्चों का दाखिला कराने के लिए लोगों की कतार लगी रहती है।
बदली तस्वीर तो मिला सम्मान :
प्रधानाध्यापक अब्दुर्रज्जाक ने बताया कि दिसंबर 2014 में सहायक अध्यापक रामकरन व श्रीराम की नियुक्ति हुई। दोनों शिक्षों ने सूचना एवं तकनीकी शिक्षण के साथ बच्चों को स्वयं करके सीखने पर जोर देना शुरू किया। छात्रों से क्राफ्ट वर्क, मॉडल वर्क, वर्किंग मॉडल जैसे जेसीबी, वाटर पं¨पग सेट, प्रदूषण के कारक, चंद्रग्रहण, सूर्यग्रहण, आर्किमिडीज का सिद्धांत, प्रकाश परावर्तन, पवन चक्की पर आधारित मॉडल तैयार कराया गया। नवाचार से बच्चों की संख्या बढ़ने लगी। विद्यालय की उपलब्धि के लिए तत्कालीन बीएसए जय ¨सह ने प्रधानाचार्य को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। सहायक अध्यापक श्रीराम को बेसिक शिक्षा निदेशक, संयुक्त शिक्षा निदेशक समेत जिलाधिकारी कृष्णा करुणेश व बीएसए हरिहर प्रसाद से सम्मान मिल चुका है।
यह है खूबी :
-विद्यालय के सभी कक्ष की दीवारों पर छात्रों द्वारा बनाए गए मॉडल टंगे मिलेंगे। विभिन्न प्रकार के फूलों के पौधे, वाटर पाम, आम, सागौन, यूकेलिप्टिस व अर्जुन के पेड़ विद्यालय की शोभा बढ़ा रहे हैं। रेडियो व कंप्यूटर बच्चों को तकनीकी शिक्षा दी जाती है। माइक व लाउडस्पीकर से विद्यालय में होने वाली प्रार्थना सभा ग्रामीणों को अपनी ओर आकर्षित करती है।