छात्राओं में बनी रहती है असुरक्षा की भावना
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बलरामपुर :कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय की अध्यापिकाओं व छात्राओं में असुरक्षा की भावना बनी रहती है। 100 छात्राओं वाले स्कूल में चहारदीवारी का निर्माण न होना अधिकारियों की उदासीनता को उजागर कर रहा है। निजी मकान में चल रहे इस विद्यालय को तीन वर्ष पूर्व लालगंज के अपने भवन में स्थानांतरित किया गया था। तब से आज तक स्कूल में चहारदीवारी बनवाने की चिता किसी को नहीं हुई। बाउंड्रीवाल न होने से दिन में आवारा पशु कभी रसोईघर में घुस जाते हैं तो कभी शिक्षण कक्षों में घुस कर अफरातफरी मचा देते हैं। लोग खेतों की तरफ जाने के लिए शार्टकट के रूप में स्कूल के खाली जमीन से गुजरते हैं। खुली जगह पर लगे हैंडपंप का इस्तेमाल ग्रामीण अपने निजी काम के लिए करते हैं। वार्डन सविता शुक्ला बताती हैं कि किशोरियों की सुरक्षा करना रात में कठिन हो जाता है। बाउंड्री वाल के लिए कई बार उच्च अधिकारियों को प्रार्थना पत्र दिया गया। निरीक्षण के लिए आने वाले अधिकारियों के संज्ञान में भी मामला लाया गया, लेकिन सार्थक परिणाम नहीं निकल रहा है।
बीईओ रामू प्रसाद का कहना है कि बाउंड्री वाल न होने का प्रकरण उच्च अधिकारियों के संज्ञान में है। बजट न होने के कारण काम लंबित है। पैसा आते ही चहारदीवारी निर्माण करवाया जाएगा।