जब सीएमओ ने लगाई फटकार, तब शुरू हुआ उपचार
- नगर के खलवा मुहल्ला स्थित ओम भवन में हवन-पूजन सुबह 7.00 बजे। -जिससे मरीज दर्द से कराहते रहते हैं। यही नहीं महकमे के मुखिया का भी कर्मियों को डर नहीं है।
बलरामपुर :संयुक्त जिला चिकित्सालय में इलाज के लिए संसाधन तो सुलभ हैं, लेकिन इसका लाभ मरीजों को समय पर नहीं मिल पाता है। वजह, डॉक्टर व स्वास्थ्यकर्मी समय से आना मुनासिब नहीं समझते। जिससे मरीज दर्द से कराहते रहते हैं। यही नहीं, महकमे के मुखिया का भी कर्मियों को डर नहीं है। आलम यह है कि सीएमओ की फटकार के बाद चिकित्सक औपचारिकता निभाकर गायब हो जाते हैं। ऐसे में दूरदराज से आने वाले पीड़ितों का दर्द कम होने का नाम नहीं ले रहा है। कुछ ऐसा ही नजारा शनिवार को देखने को मिला। प्रस्तुत है एक रिपोर्ट : ²श्य एक : समय 9.30 बजे, संयुक्त जिला चिकित्सालय। ओपीडी में सीएमएस कक्ष बंद मिला। हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. एनके वाजपेई, डॉ. नितिन चौाधरी व डॉ. एके यादव की कुर्सी खाली थी। मरीज बाहर खड़े डॉक्टर कर इंतजार करते दिखे। रोगी सहायता केंद्र भी बंद मिला। सिर में चोट लगने से घायल हरैया सतघरवा से आईं शशि तिवारी दर्द से कराहती दिखीं।
²श्य दो : 9.25 बजे। अल्ट्रासाउंड कक्ष के बाहर गर्भवती समेत कई मरीज खड़े मिले। नरायनपुर निवासी गुड्डू मिश्र, गैंसड़ी से आए अशोक वर्मा व गुलाम अली ने बताया कि आठ बजे का समय लिखा है, लेकिन 9.30 बजे तक कोई नहीं आया। तीमारदारों के हंगामा करने पर डॉ. एके यादव 9.55 बजे जांच करने पहुंचे। ²श्य तीन : 9.40 बजे। पैर टूटने से घायल सदर ब्लॉक के सिगाही गांव निवासिनी मझिला स्ट्रेचर पर लेटी मिलीं। तीमारदारों ने ओपीडी में हड्डी का डॉक्टर न होने की सूचना सीएमओ डॉ. घनश्याम सिंह को दी। सीएमओ के पहुंचने पर मरीज का इलाज शुरू हुआ। संदीप, छोटका व शिवम ने बताया कि सीटी स्कैन लिखाने के लिए कोई डॉक्टर नहीं है।
उपस्थित मिले चिकित्सक :
- सीएमओ डॉ. घनश्याम सिंह का कहना हैं कि तीमारदारों की शिकायत पर जब वह पांच मिनट में अस्पताल पहुंचे तो सभी चिकित्सक उन्हें मौजूद मिले। डॉक्टरों को समय से बैठकर मरीज देखने का निर्देश दिया गया है।