समय से न आएं अधिकारी, लौट रहे फरियादी
संवादसूत्र बलरामपुर विकास भवन के अधिकांश कार्यालयों में अधिकारी व कर्मचारी समय से नहीं आते हैं। मुख्य विकास अधिकारी कृतिका ज्योत्स्ना के न आने की सूचना मिलते ही कर्मचारी भी कुर्सी छोड़ चाय की दुकान पर पहुंच जाते हैं। ऐसे में फरियादियों को मायूस होकर लौटना पड़ता है। शुक्रवार को सुबह 10.20 बजे जिला समाज कल्याण अधिकारी उमाशंकर प्रसाद मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. यादवेंद्र प्रताप व जिला युवा कल्याण अधिकारी प्रदीप कुमार त्रिपाठी अपने कक्ष में नहीं मिले। खाली कुर्सी देख फरियादी लौट रहे थे।
बलरामपुर : विकास भवन के अधिकांश कार्यालयों में अधिकारी व कर्मचारी समय से नहीं आते हैं। मुख्य विकास अधिकारी कृतिका ज्योत्सना के न आने की सूचना मिलते ही कर्मचारी भी कुर्सी छोड़ चाय की दुकान पर पहुंच जाते हैं। ऐसे में फरियादियों को मायूस होकर लौटना पड़ता है। शुक्रवार की सुबह 10.20 बजे जिला समाज कल्याण अधिकारी उमाशंकर प्रसाद, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. यादवेंद्र प्रताप व जिला युवा कल्याण अधिकारी प्रदीप कुमार त्रिपाठी अपने कक्ष में नहीं मिले। खाली कुर्सी देख फरियादी लौटते दिखे। ²श्य एक : 10.25 बजे
- विकास भवन के मुख्य गेट पर हरैया ब्लॉक के लखनीपुर निवासी विनोद कुमार व साधू चरन तिवारी मिले। बताया कि जिला पंचायत राज अधिकारी कार्यालय आया था। साहब मिले नहीं। गांव में नाली, खड़ंजा व शौचालय निर्माण नहीं हुआ है। जल निकासी की व्यवस्था सु²ढ़ नहीं है। कोई सुनने वाला नहीं है। ²श्य दो : 10.30 बजे।
- सीढ़ी से नीचे उतर रहे जगप्रसाद ने पसीना पोछते हुए कहाकि वृद्धा पेंशन नहीं मिल रही है। कई बार से आ रहा हूं। साहब मिलते नहीं हैं। बाबू कागज लेकर रख लेते हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है। कई माह से बराबर दौड़ रहे हैं। ²श्य दो : 10.35 बजे ।
- सदर ब्लॉक के रघवापुर निवासी अमरनाथ ने बताया कि उसका नाम शौचालय की लाभार्थी सूची में है। गांव में लोग गए थे। शौचालय निर्माण के लिए गड्ढा भी तैयार किया, लेकिन धनराशि अब तक नहीं मिली। जिससे निर्माण पूरा नहीं हो सका है। कार्यालय में बड़े साहब मिलते नहीं हैं। ऐसे में खाली हाथ ही लौटना पड़ता है। समस्याओं का निस्तारण प्राथमिकता
- जिलाधिकारी कृष्णा करुणेश का कहना है कि समय से कार्यालय न आने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ जांच कर कार्रवाई की जाएगी। फरियादियों की समस्याओं का निस्तारण प्राथमिकता पर किए जाने का निर्देश दिया जा चुका है।