सूचना देने में रार, अफसर कर रहे गुमराह
बलरामपुर : भ्रष्टाचार पर नकेल लगाने के लिए बना जनसूचना अधिकार अधिनियम को अधिकारियों ने खि
बलरामपुर : भ्रष्टाचार पर नकेल लगाने के लिए बना जनसूचना अधिकार अधिनियम को अधिकारियों ने खिलवाड़ बना दिया है। आमजन के हक को अफसरों ने अपनी मनमानी का हथियार बना लिया है। जिससे आवेदकों को जानकारी के लिए अफसरों के कार्यालयों की दौड़ लगानी पड़ रही है। सरयूखंड प्रथम व तृतीय एवं बाढ़ खंड से मांगी गई ¨बदुवार सूचना में आधी अधूरी जानकारी देकर कोरम पूरा कर लिया। जबकि जनसूचना अधिकार अधिनियम 2005 की धारा 6 (1) के तहत आमजन को सरकारी विभागों से विकास कार्यों पर खर्च धनराशि समेत अन्य जानकारी देने का प्रावधान है, लेकिन जिम्मेदार अनियमितता छुपाने के लिए सूचना नहीं देते हैं। इसकी बानगी तीन विभागों से मिली सूचनाएं हैं।
केस एक - अधिशासी अभियंता सरयू नहर खंड प्रथम 15 ¨बदुओं पर संवाददाता ने सूचना मांगी थी। अधिशासी अभियंता एसएल वर्मा ने 15 में से चार का ही स्पष्ट रूप से जवाब दिया है। जिसमें नहर का नाम बस्ती शाखा, लंबाई 76.230, माइनरों की सूची, स्टाक मद में पड़ी सामग्री का मूल्य 9992022.23 दिया है। बाकी के 11 ¨बदुओं में से कई में किसी भी कार्य दिवस में कार्यालय अवलोकन करने की बात कह कर सूचना देने से टाल दिया गया। केस दो - अधिशासी अभियंता बाढ़ खंड आलोक प्रताप ¨सह ने पांच ¨बदुओं की सूचना देने में भी कोरम पूरा कर लिया। बलरामपुर भड़रिया तटबंध का निर्माण खंड से न कराने की बात कहते हुए अपूर्ण होने की जानकारी दी है। साथ ही ककरा राजघाट गांव के कटान स्थल पर बचाव कार्य लगातार कराने की बात कही है, लेकिन धनावंटन नहीं है। पिछले वित्तीय वर्षों में खर्च बजट व कार्यों का विवरण न देकर खंड का सृजन चालू वित्तीय वर्ष में ही होने की जानकारी दी गई है। केस तीन - सरयू नहर खंड तीन के अधिशासी अभियंता संतोष कुमार से 14 ¨बदुओं पर सूचना मांगी गई थी। जिसमें उन्होंने मार्च 2017 के अभिलेखों के अनुसार स्टॉक मद में मूल्य 68,78, 750 की सामग्री पड़ी है। नहरों की शाखा में 110 अदद पक्के कार्य कराने की जानकारी दी गई है। जबकि खंड को आवंटित धनराशि का विवरण नहीं दिया गया। इसी तरह की आधी अधूरी जानकारी देकर अफसर कागजी कोरम पूरा कर रहे हैं।
बोले जिम्मेदार
-आधी-अधूरी सूचना देने वाले अफसरों के खिलाफ जांच कर कार्रवाई की जाएगी। सूचना अधिकार अधिनियम के तहत मांगी गई सूचनाएं आवेदक को हर हालत में मुहैया कराई जाएगी। यदि जिम्मेदार विभागाध्यक्ष सूचना देने में कोताही कर रहे हैं तो उनके खिलाफ कार्रवाई की संस्तुति की जाएगी।
कृष्णा करुणेश, जिलाधिकारी बलरामपुर