यहां बाहर से मंगाई जाती है शुगर व ब्लडप्रेशर की दवा
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बलरामपुर :सेहत सुधारने का दावा करने वाला महकमा अपने कर्मचारियों की लेट-लतीफी पर अंकुश नहीं लगा पा रहा है। ठंड के कारण कोल्ड डायरिया, इंफेक्शन, एलर्जी, खांसी, बुखार, अस्थमा, हृदय व ब्लड प्रेशर के मरीजों की आमद बढ़ी है, लेकिन फ्लूकोनाजॉल, मेट्रोटिंडाजॉल व ओफ्लॉक्स ओजेड दवाएं नहीं हैं। रोजाना करीब 500 मरीज इलाज कराने आते हैं। सात चिकित्सकों के सापेक्ष महज तीन ही नियमित रूप से तैनात हैं। शुद्ध पेयजल के लिए लगा वाटर प्योरीफायर खराब है। बायोमीट्रिक मशीन न होने से रजिस्टर पर हाजिरी लगती है। जिससे कर्मियों की मनमानी बदस्तूर जारी है।
²श्य एक : 10.05 बजे। चिकित्साधीक्षक डॉ. अरुण कुमार का कक्ष खाली था। बताया गया कि वह क्षेत्र में गए हैं। पंजीकरण कक्ष में नौ मरीजों का नाम लिखा जा चुका था। इनमें सभी नए मरीज शामिल थे। एक्सरे कक्ष में ताला लगा था। टेक्नीशियन व सहायक दोनों नहीं आए थे।
²श्य दो : 10.15 बजे। महिला संविदा चिकित्सक डॉ. हिना कौसर का कक्ष खाली था। बताया गया कि एनएचएम के सभी 26 संविदा कर्मी कार्य बहिष्कार पर हैं। इसलिए आज वह नहीं बैठेंगी। मोहनजोत की साफिया व पुरैनाबुलंद निवासिनी प्रभावती ने बताया कि जांच करानी थी, लेकिन अब किसी निजी अस्पताल में महिला डॉक्टर को दिखाना पड़ेगा।
²श्य तीन : 10.30 बजे : चिकित्साधिकारी डॉ. चंद्रप्रकाश व डॉ. एससी भारती अपने कक्ष में बैठे मरीजों की जांच कर रहे थे। दोनों चिकित्सक 25-25 मरीज देख चुके थे। बताया गया कि अस्पताल में आवश्यक दवाएं उपलब्ध हैं। ऑक्सीजन सि¨लडर उपलब्ध है।
जिम्मेदार के बोल :
-अधीक्षक डा. एके वर्मा का कहना है कि बायोमीट्रिक मशीन खराब होने से पंजिका पर उपस्थिति दर्ज की जाती है। अस्पताल में अधिकांश दवाएं उपलब्ध हैं। बीपी व शुगर की दवाएं बाहर से लिखी जाती हैं।