आतंकियों को पनाह देना है राष्ट्रद्रोह का कानून हटाना
रमन मिश्र बलरामपुर समय दोपहर के करीब ढाई बजे। धुंध की वजह व नवरात्र का पहला दिन होने से गोंडा मार्ग पर वाहनों का दबाव कम था। इसी मार्ग पर नौशहरा मुहल्ले में एक दुकान पर कुछ लोग बैठे हुए थे। वह सभी इसी मुहल्ले के रहने वाले थे। जो आपसी चर्चा कर समय बिता रहे थे। करीब 50 वर्षीय बाबा पेंटर ने कैमरा व डायरी देखते ही कहा कि आप लोग लगता है
रमन मिश्र, बलरामपुर :
समय दोपहर के करीब ढाई बजे। धुंध की वजह व नवरात्र का पहला दिन होने से गोंडा मार्ग पर वाहनों का दबाव कम था। इसी मार्ग पर नौशहरा मुहल्ले में एक दुकान पर कुछ लोग बैठे हुए थे। वह सभी इसी मुहल्ले के रहने वाले थे। जो आपसी चर्चा कर समय बिता रहे थे। करीब 50 वर्षीय बाबा पेंटर ने कैमरा व डायरी देखते ही कहा कि आप लोग लगता है मीडिया से हैं। यह बात जरूर छापिए कि राष्ट्रद्रोह के कानून की नहीं यहां दो जून के रोटी के व्यवस्था की घोषणा होनी चाहिए। कानून कोई गलत नहीं है। उसका अनुपालन ईमानदारी से होना चाहिए। इतने में सफेद शर्ट में बैठे अरुण श्रीवास्तव ने कहा कि कांग्रेस राष्ट्रद्रोह का मुकदमा हटाकर आतंकियों को पनाह देने वाला कानून लाना चाहती है। यह सरासर गलत है। इसका सभी लोग विरोध कर रहे हैं। रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के बजाय देश की सुरक्षा वाले कानून को हटाने की सोचना ही राष्ट्रद्रोह है। इससे सेना का मनोबल गिरेगा। अब चुनावी चर्चा का माहौल बन चुका था। नीली शर्ट में बैठे अशरफ अली ने कहा कि गरीबों को 72 हजार रुपये सालाना देने के बजाय उन्हें महीने में इतने वेतन की नौकरी देने की बात की जाए तो समझ में आता है। इससे तो लोग नकारा हो जाएंगे। कुर्सी पर बैठे पप्पू खान ने स्वर तेज करते हुए कहा कि राष्ट्रद्रोह का कानून प्रभावी होने के बाद भी पुलवामा में आरडीएक्स से भरी गाड़ी जवानों के काफिले में घुसकर उनकी शहादत की वजह बन जाती है। दुश्मनों को मुंहतोड़ जवाब देना तो ठीक है, लेकिन इसमें शामिल देश के गद्दारों के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं हुई। सामने की कुर्सी पर स्लेटी रंग की शर्ट पहने बीडी वर्मा ने कहा कि राष्ट्रद्रोह कानून हटाने की सोच गलत है। मैं तो पीएम नरेंद्र मोदी की तारीफ करूंगा कि उन्होंने पुलवामा का बदला लेने के लिए पाकिस्तान में घुसकर आतंकियों को मारा। इस बीच मुहल्ले के और लोग मौके पर आकर बहस में शामिल हो गए। आमिर ने कहा कि जनता के लिए कोई नेता कुछ नहीं करता है। चुनाव के समय सभी बस वादे ही करते हैं। बाबूराम यादव व विवेक वर्मा ने कहाकि मोदी के बाकी काम तो अच्छे हैं, लेकिन वह भी युवाओं को नौकरी नहीं दे पाए। बेरोजगारी देश का सबसे बड़ा मुद्दा है, लेकिन इसके बारे में कोई बात ही नहीं करना चाहता। इसी तरह गली-मुहल्लों में चुनाव की चर्चाएं आम हो रहीं हैं।