सीता हरण का मंचन देख भाव-विभोर हुए दर्शक
बलरामपुर : क्षेत्र में चल रही रामलीला के छठवें दिन श्रीराम-केवट संवाद, पंचवटी, सूपर्णखा की
बलरामपुर : क्षेत्र में चल रही रामलीला के छठवें दिन श्रीराम-केवट संवाद, पंचवटी, सूपर्णखा की नाक काटना, सीता हरण व शबरी आश्रम का मंचन किया गया।
पिता के आदेश पर राम लक्ष्मण व सीता के साथ वन के लिए प्रस्थान करते हैं। नदी पार करने के लिए केवट का सहारा लेते हैं। केवट कहता है की हे भगवन कहीं आपके चरण पड़ते ही हमारी नाव पत्थर न बन जाए। भगवान राम केवट को अश्वासन देते हैं कि केवट ऐसा कुछ नहीं होगा। केवट श्रीराम के चरण धुलकर नाव से नदी पार कराते हैं। पंचवटी में श्रीराम कुटिया बनाकर रहने लगते हैं। रावण की बहन सूपर्णखा राम व लक्ष्मण के सुंदर रूप को देखकर मोहित हो जाती है। वह उनसे विवाह करने के लिए कहती है। लक्ष्मण क्रोधित होकर सूपर्णखा की नाक काट देते हैं। सूर्पणखा रोती बिलखती अपने भाई खर पव दूषण के पास जाती है। दोनों राक्षस राम से युद्ध करने जाते हैं और मारे जाते हैं। सीता हरण के बाद जंगल में राम व लक्ष्मण के करुण विलाप का मंचन देख दर्शक भाव विभोर हो जाते हैं। अशोक गुप्त, रमेश मिश्र, बैजनाथ, बाबूलाल व रामू पटवा सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद रहे।