13 साल से अधूरा पुल, बजट की दरकार
2008-09 में डाली गई थी नींव 80 लाख खर्च का नहीं मिल रहा हिसाब
अमित श्रीवास्तव, बलरामपुर :
लोक निर्माण विभाग का कारनामा अजब गजब है। बिना पुल बने ही 80 लाख रुपये खर्च करने की पत्रावली ही नहीं मिल रही है। विभाग के अधिकारियों की 13 साल से अधूरे पुल को पूरा कराने के लिए कवायद नए सिरे से बजट की मांग तक सिमटी है। अधिकारियों के तबादला होने से मामला ठंडे बस्ते में चला जाता है।
सरकार ने लोक निर्माण विभाग के निर्माण खंड को वर्ष 2008-09 में मन्नीजोत गांव के पास बहवा नाला पर पुल निर्माण की स्वीकृति प्रदान की थी। 80 लाख रुपये अवमुक्त किए थे। नाला की धारा में दोनों तरफ दीवार खड़ी कर ठेकेदार फरार हो गए। तत्कालीन अधिशासी अभियंता मेघ प्रकाश की मानें तो मिर्जापुर-मन्नीजोत के बीच अधूरे पुल की पत्रावली विभाग में नहीं मिली थी। सदर विधायक पल्टूराम के पत्र पर अधूरे पड़े पुल का राज खुला। जितनी रकम खर्च की गई थी, अधिकारी अब उससे अधिक का बजट मांग रहे हैं जो पुल 80 लाख में बन जाता। उसे पूरा करने में 82 लाख 54 हजार रुपये अधिक खर्च कर पुल को पूरा कराने के साथ पुल को जोड़ने के लिए 200 मीटर पहुंच मार्ग का भी निर्माण प्रस्तावित है। 50 हजार आबादी को होगी सुविधा :
सदर ब्लाक का गांव मन्नीजोत पहाड़ी नाला से घिरा है। बरसात के दिनों में गांव टापू बन जाता है। चुनाव में ड्यूटी करने वालों को भी नाव का सहारा लेना पड़ता है। पुल बन जाने से रामनगर, रसूलाबाद, मुरावनडीह, रामपुर, भगवानपुर, मन्नीजोत, बरगदही, बलुवाबलुई, कोयलरा, रानीजोत, नौवा, गांगनार, लालाजोत, पाला, हृदयनगर व लालाडीह गांव के लोगों को आवागमन में सुविधा होगी। करीब 50 हजार लोगों का जिला मुख्यालय से सीधा संपर्क हो जाएगा। साथ ही बेलहा गौरा चौराहा से तुलसीपुर मार्ग जुड़ जाने से लोगों को तुलसीपुर जाने के लिए बेलहा या गौरा चौराहा का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा। मामले की नहीं जानकारी : - सहायक अभियंता लोक निर्माण विभाग निर्माण खंड विनोद कुमार त्रिपाठी का कहना है कि मामला पुराना है। पूर्व में खर्च धनराशि की जानकारी नहीं है।