शिक्षा से बड़ा नहीं धन दूजा, सबको समझा रही पूजा
श्लोक मिश्र बलरामपुर बेटियां पराया धन होती हैं। परिवार के लिए बोझ होती हैं।
श्लोक मिश्र, बलरामपुर : बेटियां पराया धन होती हैं। परिवार के लिए बोझ होती हैं। इसी सोच को बदला है सदर ब्लॉक के चील्ही खुर्द गांव निवासी पूजा गुप्ता ने। वह बता रही हैं कि शिक्षा से बड़ा कोई धन नहीं है।
पूजा इंटरमीडएट उत्तीर्ण करने के बाद भविष्य में अपनी पहचान बनाने के ख्वाब बुन रही थी। इसी बीच घर वाले उसकी शादी की तैयारी करने लगे। उस दौरान उसकी उम्र 17 वर्ष थी। इस उम्र में वह शादी करने को तैयार नहीं थी। पूजा ने आगे की पढ़ाई के लिए कहा तो पिता ने मना कर दिया। न मानने पर पूजा ने बाल विवाह का खुलकर विद्रोह करने की बात कही। इसके बाद पिता को अपना फैसला बदलना पड़ा। जीता पिता का भरोसा, बनूंगी आत्मनिर्भर
तीन भाई व चार बहनों में पूजा सबसे बड़ी है। उसने आठवीं तक की शिक्षा कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय में प्राप्त की। तभी माता-पिता उसकी शादी के लिए वर ढूंढ़ने लगे। बहुत समझाने के बाद घर वालों ने उसे इंटरमीडिएट तक शिक्षा दिलाई। 12वीं पास करने पर जब घर वाले शादी के लिए अड़ गए, तो उसने कानून की मदद लेने की बात कही। पिता ने कहाकि उसके अन्य भाई-बहनों को भी थोड़ा-थोड़ा पढ़ाना है। शादी नहीं की, तो बाद में दहेज कैसे देंगे। इस पर पूजा ने पिता के आंसू पोछते हुए कहाकि आप मुझे पढ़ने दो। मैं इतना काबिल बनकर दिखाऊंगी, कि आपको दहेज देने की जरूरत नहीं पड़ेगी। मां किरन ने भी पूजा का समर्थन किया। इस पर पिता बंगाली उसे आगे पढ़ाने को राजी हो गए।
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शिक्षा के लिए मिला सम्मान :
पूजा खुद का बाल विवाह रुकवाने के बाद गांव व आसपास के लोगों को बालिका शिक्षा के लिए जागरूक कर रही है। साथ ही बाल विवाह व उसके दुष्परिणामों के बारे में भी बताती है। शिक्षा के लिए मुखर होने वाली पूजा को महिला समाख्या की ओर से वर्ष 2019 में प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया है।