Move to Jagran APP

मुआवजे की दरकार, टूट रही सरकारी मदद की आस

श्चद्गश्चश्रद्यद्ग ह्लह्मश्रह्वढ्डद्यद्गस्त्र श्चद्गश्चश्रद्यद्ग ह्लह्मश्रह्वढ्डद्यद्गस्त्र श्चद्गश्चश्रद्यद्ग ह्लह्मश्रह्वढ्डद्यद्गस्त्र श्चद्गश्चश्रद्यद्ग ह्लह्मश्रह्वढ्डद्यद्गस्त्र श्चद्गश्चश्रद्यद्ग ह्लह्मश्रह्वढ्डद्यद्गस्त्र श्चद्गश्चश्रद्यद्ग ह्लह्मश्रह्वढ्डद्यद्गस्त्र श्चद्गश्चश्रद्यद्ग ह्लह्मश्रह्वढ्डद्यद्गस्त्र श्चद्गश्चश्रद्यद्ग ह्लह्मश्रह्वढ्डद्यद्गस्त्र श्चद्गश्चश्रद्यद्ग ह्लह्मश्रह्वढ्डद्यद्गस्त्र श्चद्गश्चश्रद्यद्ग ह्लह्मश्रह्वढ्डद्यद्गस्त्र श्चद्गश्चश्रद्यद्ग ह्लह्मश्रह्वढ्डद्यद्गस्त्र श्चद्गश्चश्रद्यद्ग ह्लह्मश्रह्वढ्डद्यद्गस्त्र श्चद्गश्चश्रद्यद्ग ह्लह्मश्रह्वढ्डद्यद्गस्त्र श्चद्गश्चश्रद्यद्ग ह्लह्मश्रह्वढ्डद्यद्गस्त्र श्चद्गश्चश्रद्यद्ग ह्लह्मश्रह्वढ्डद्यद्गस्त्र श्चद्गश्चश्रद्यद्ग ह्लह्मश्रह्वढ्डद्यद्गस्त्र श्चद्गश्चश्रद्यद्ग ह्लह्मश्रह्वढ्डद्यद्गस्त्र श्चद्गश्चश्रद्यद्ग ह्लह्मश्रह्वढ्डद्यद्गस्त्र

By JagranEdited By: Published: Mon, 14 Oct 2019 09:43 PM (IST)Updated: Tue, 15 Oct 2019 06:06 AM (IST)
मुआवजे की दरकार, टूट रही सरकारी मदद की आस
मुआवजे की दरकार, टूट रही सरकारी मदद की आस

बलरामपुर :

loksabha election banner

राप्ती नदी की विनाश लीला में बेघर हुए साहिबानगर के कटान पीड़ितों को अब तक मुआवजा नहीं मिल सका है। 26 किसानों का घर व फसल नदी में कट गई, लेकिन प्रशासन ने उनकी सुधि लेना मुनासिब नहीं समझा। ऐसे में दाने-दाने को मोहताज लोग ग्रामीणों की मदद पर निर्भर हैं। आशियाना छिन जाने से परिवार पल्ली तानकर मौसम का सितम सहने को मजबूर है। जबकि संवेदनहीन अधिकारी सरकारी इमदाद दिलाने को आगे नहीं आ रहे हैं।

गांव निवासिनी चेतना का कहना है कि घर तो कट गया, अब किसी तरह पन्नी तान जीवन यापन कर रही हूं। लालमनि यादव बताते हैं कि नदी की कटान में घर समा गया, लेकिन अब तक मुआवजा नहीं मिल सका है। अफसर क्षति का आंकलन तो करने आते हैं, लेकिन मदद कब मिलेगी यह कोई नहीं बताता। बड़का का कहना है कि पक्का घर किसी तरह बनाया था, जो राप्ती मइया ने छीन लिया। मंशाराम ने बताया कि पीड़ित परिवार ग्रामीणों के रहमो करम पर गुजर-बसर कर रहे हैं। सहदेव ने बताया कि पिछले वर्ष हुई कटान का मुआवजा भी पीड़ितों को नहीं मिल सका है। ऐसे में इस बार का मुआवजा मिलने की उम्मीद न के बराबर है। लेखपाल महाराज नारायन का कहना है कि राप्ती नदी की कटान में जिनके मकान व खेत समा गए हैं, उनका सर्वे कर रिपोर्ट भेज दी गई है। जल्द ही पीड़ितों को मुआवजा दिलाया जाएगा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.