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महाराज अग्रसेन की रसोई..ताकि भूखा न सोए कोई

भूखे गरीब की यही दुआ है औलाद वालों फूलो-फलो गरीबों की सुनो वो तुम्हारी सुनेगा तुम एक पैसा दोगे वो दस लाख देगा। गुजरे जमाने के ये मशहूर गीत भले ही वक्त के साथ बीते दिनों की बात हो गए लेकिन आज भी इसकी कशिश लोगों के जेहन को झकझोरने के लिए काफी है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 16 Oct 2019 09:56 PM (IST)Updated: Fri, 18 Oct 2019 06:22 AM (IST)
महाराज अग्रसेन की रसोई..ताकि भूखा न सोए कोई
महाराज अग्रसेन की रसोई..ताकि भूखा न सोए कोई

बलरामपुर : 'भूखे गरीब की यही दुआ है औलाद वालों फूलो-फलो,' 'गरीबों की सुनो वो तुम्हारी सुनेगा, तुम एक पैसा दोगे वो दस लाख देगा।' गुजरे जमाने के ये मशहूर गीत भले ही वक्त के साथ बीते दिनों की बात हो गए, लेकिन आज भी इसकी कशिश लोगों के जेहन को झकझोरने के लिए काफी है। जी हां, कुछ ऐसा ही वाकया हाल में अग्रवाल समाज के लोगों के साथ हुआ। समाज ने हर मंगलवार को गरीबों की रसोई शुरू करने का फैसला लिया है। जहां मात्र पांच रुपये में गरीबों को भरपेट भोजन कराया जाएगा। साथ ही पर्यावरण को प्रदूषण मुक्त करने के लिए प्लास्टिक व पॉलीथिन का प्रयोग न करने के लिए जागरूक किया जाएगा।

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अध्यक्ष की प्रेरणा पर बनी सहमति

-अग्रवाल सभा के अध्यक्ष राजीव अग्रवाल की प्रेरणा व सचिव मनीष तुलस्यान, भवन अध्यक्ष विनोद बंसल, सह सचिव आलोक अग्रवाल व निर्मल अग्रवाल की कार्ययोजना पर कार्यकारिणी ने निर्णय लिया। महाराजा श्री अग्रसेन के नाम पर गरीबों की रसोई की शुरुआत की जाएगी। प्रत्येक मंगलवार को शाम सात बजे श्री महाराजा अग्रसेन मंदिर (अग्रवाल भवन) आनंद बाग के मुख्य द्वार पर किया जाएगा। इसमें कोई भी व्यक्ति पांच रुपये देकर भोजन पा सकेगा। सभा के अध्यक्ष राजीव अग्रवाल व सचिव मनीष तुलस्यान का कहना है कि गांव से शहर की तरफ रोजगार की आस में आने वाले अधिकांश लोग पैसे के अभाव में भूखे सो जाते हैं। इसी विचार ने उन लोगों की सोच बदल दी। ताकि कोई भूखा न के साथ साप्ताहिक रूप में शुरू किया गया है। जिसे भविष्य में विस्तार करके प्रत्येक दिन किया जाना प्रस्तावित है। जिससे प्रतिदिन भोजन उपलब्ध कराया जा सके। इस कार्य के लिए एक कमेटी का गठन निर्मल कुमार अग्रवाल की अगुवाई में किया गया है। भोजन की गुणवत्ता एवं पौष्टिकता का विशेष ध्यान रखा गया है। साथ ही पर्यावरण संरक्षण की सीख दी जा रही है। एक दिन में 500 का है लक्ष्य

-एक दिन में 500 लोगों के लिए खाना बनाए जाने का लक्ष्य रखा गया है। मंगलवार की शाम 300 से अधिक लोगों ने खाना खाया। लक्ष्य को और भी बढ़ाया जा सकता है।


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